बिट्टू सिहं/अंबिकापुरः अक्सर आपने समाज में होने वाले सामाजिक बहिष्कार की खबरें सुनी या पढ़ी होंगी. लेकिन, यह अत्यधिक दुःखद होता है कि एक पिता अपने ही पुत्र को समाज से बहिष्कृत कर देता है. ऐसा ही मामला तीन साल पहले सूरजपुर जिले के जुड़वानी पंचायत में सामने आया था. इसका कारण था, कि पुत्र ने गांव के शासकीय भूमि पर कब्जा करके घर बना लिया था, जो कि पिता को रास नहीं आया था.
पिता ने कब्जे के खिलाफ मना किया था. लेकिन, पुत्र ने इसका पालन नहीं किया और भूमि पर कब्जा कर लिया. जिसके बाद, ग्रामीणों की शिकायत पर पिलखा नायब तहसीलदार ने उस भूमि को समझायिश देने का प्रयास किया, लेकिन पुत्र ने इसका पालन नहीं किया और कब्जा कर लिया.
पिता ने किया था बेटे का बहिष्कार
इसके परिणामस्वरूप, पिता ने अपने पुत्र को समाज से बहिष्कृत करने का निर्णय लिया, और ग्रामीणों ने भी समर्थन किया. अब पिलखा नायब तहसीलदार के प्रयास के बाद, भूमि को समझाइश देने के बावजूद खाली कर दिया गया है, और इसके साथ ही समाज में बहिष्कृत किए गए युवक को भी वापस ले लिया है.
समझाबुझाकर मकान कराया खाली
छोटे झाड़ की भूमि पर कब्जा किया गया था, और ग्राम पंचायत जुड़वानी के सुखलाल देवांगन के पिता रामेश्वर दास ने अपनी जमीन से सटे हुए छोटे झाड़ के खसरा नंबर 91 (0.54 रकबा या 75 डिसमिल भूमि) पर कब्जा किया. पिता ने इसके खिलाफ मना किया था, लेकिन पुत्र ने पिता की सलाह को नजरअंदाज किया और भूमि पर कब्जा कर लिया. इसके बाद, पिता ने पुत्र का समाजिक बहिष्कार करने का निर्णय लिया, और ग्रामीणों ने भी पिता का साथ दिया. जिसके बाद सुखलाल को समाजिक बहिष्कार किया गया था. अब पिलखा नायब तहसीलदार के प्रयास के बाद, भूमि को समझाइश देने के बावजूद खाली करवाया गया है, और इसके साथ ही समाज में बहिष्कृत किए गए युवक को भी समाज में वापस लाया गया है.
सार्वजनिक मंगल भवन का निर्माण
इस घटना के बाद, अब तहसीलदार और ग्राम पंचायत ने मिलकर तय किया है कि खाली हो जाने वाली भूमि पर सार्वजनिक मंगल भवन का निर्माण होगा, जिसका उपयोग ग्रामीणों को कई सुविधाओं के लिए किया जाएगा. सुखलाल देवांगन को फिर से समाज में वापस लाने के लिए उन्हें मिठाई खिलाकर उनकी वापसी की खुशी मनाई गई है.
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FIRST PUBLISHED : October 9, 2023, 15:44 IST