गुलशन कश्यप/जमुई. बिहार के किसान नगदी फसल के तौर पर बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती कर रहे हैं. किसान सब्जी की खेती कर अपनी किस्मत बदलने में लगे हैं. जमुई के इस किसान ने सब्जी की खेती के सहारे अपनी तीन बेटियों की शादी भी कर चुके हैं. साथ हीं अपने सपनों का घर बनाया और अपने पूरे परिवार का भरण पोषण कर रहा है. यह कहानी है जमुई के रहने वाले किसान दिनेश मंडल की, जो पिछले 20 साल से लगातार सब्जी की खेती करते आ रहे हैं और अब इनकी पहचान एक अच्छे किसान के रूप में होने लगी है. दिनेश मंडल ने पारंपरिक खेती को त्याग कर सब्जी की खेती को अपना सहारा बना लिया और लगातार इसी में लगे हुए हैं.
दिनेश मंडल सब्जी की खेती कर सालाना चार से छह लाख तक की कमाई कर लेते हैं. दिनेश ने अपनी 15 कट्ठा जमीन में सब्जी की खेती की है, वह साल में सब्जी की तीन फसल उपजाते हैं. इस बार भी अपने खेत में सब्जी की तीन किस्म लगाई हैं और उसे हर रोज तोड़कर अपने ई-रिक्शा से लेकर बाजार जाते हैं और खुद ही बेचकर मुनाफा कमाते हैं. दिनेश मंडल का कहना है कि व्यापारियों के हाथों सब्जी बेचने से ज्यादा फायदा बाजार में खुद से सब्जी बेचकर मिल पाता है, इसलिए वह ऐसा करते हैं. सब्जी की खेती से सालाना 4 से 6 लाख की कमाई भी कर रहे हैं.
इस सब्जी की खेती में कम मेहनत में और अधिक मुनाफा
पारंपरिक खेती को छोड़कर सब्जी की खेती को चुनने के सवाल के जवाब में दिनेश मंडल ने कहा कि धान और गेहूं की खेती में अत्यधिक मेहनत लगती है और उसमें मुनाफा भी कम होता है. इतना ही नहीं धान और गेहूं की फसल लगाने के बाद कई महीनो तक खेत खाली पड़ा रहता है. जिससे उसका सही तरीके से उपयोग नहीं किया जा सकता है. लेकिन सब्जी की खेती में खेत कभी भी खाली नहीं रहता है. उतनी ही मेहनत में इसमें अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है, और साल में तीन चक्र की खेती कर ले जा सकती है. उन्होंने बताया कि सब्जी बेचकर उन्होंने एक ई रिक्शा भी खरीदा है, जिससे वह रोजाना सब्जी बेचने जाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 04, 2023, 15:07 IST