भास्कर ठाकुर/ सीतामढ़ी. खेती-किसानी को अक्सर लोग घाटे का प्रोफेशन मानते हैं. हालांकि, इस वहम को कई प्रगतिशील किसानों ने दूर करके दिखाया है. सीतामढ़ी के परिहार स्थित सौरभोर के रहने वाले युवा किसान सत्येन्द्र कुमार सिंह सब्जियों से अच्छी कमाई कर रहे हैं. इन दिनों युवा किसान सत्येन्द्र दो बीघा में अलग-अलग तरह की सब्जियों की खेती कर रहे हैं. सत्येन्द्र फिलहाल घीया, भिंडी, परवल, बैगन, मिर्च, झिगुनी की खेती कर रहे है. हरी सब्जियों को इस बार बाजार में रेट भी बेहतर मिल रहा है. जिससे आमदनी भी अच्छी हो रही है. सत्येंद्र ने सब्जी की खेती के लिए सलाह दिया कि लत्ती वाली सब्जी की खेती में मुनाफा ज्यादा है, क्योंकि बरसात में इसके खराब होने की संभावनाए कम होती है. वहीं मचान के नीचे भी साग सहित अन्य सब्जी की खेती कर सकते हैं. इस तरह से लोग खेती कर ज्यादा कमाई कर सकते हैं.
युवा किसान सत्येन्द्र कुमार सिंह अभी दो बीघा में सब्जी कर खेती कर रहे हैं. जिसमें 5 कट्ठे में घीया, 10 कट्ठे में बैंगन, 5 कट्ठे में झिगुनी की खेती कर रहे हैं. इसके अलावा नए सिरे से 2 से 3 कट्ठे में परवल की भी खेती कर रहे हैं. वहीं दुर्गा पूजा के दौरान गोभी की भी खेती करने की योजना है. उन्होंने बताया कि खेती के लिए पूर्ण रुप से रासायनिक खाद पर हीं निर्भर हैं, क्योंकि जैविक खाद यहां पर उप्लब्ध नहीं है.
‘सब्जी की खेती में मुनाफा अधिक है’
उन्होंने बताया कि अगर कोई भी किसान सब्जी की खेती करना चाहते हैं तो उनको प्रतिदिन खेत में कुछ न कुछ काम करने के लिए आना होगा. ठीक उसी तरह जिस तरह से लोग काम के लिए ऑफ़िस जाते हैं. वहीं धान या गेहूं को एक बार खेत में लगा देने पर रोज-रोज खेत में नहीं जाना होता है. अगर सब्जी की खेती में आमदनी है तो मेहनत भी अन्य फसल के मुकाबले अधिक है.
सब्जी की खेती से कर रहे हैं अच्छी कमाई
युवा किसान सत्येन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि बाजार में परवल 40 रूपए, झिगुनी 30 से 35 रूपए, भिंडी 20 रूपए, बैंगन 20 रूपए, अरवी 40 से 50 रूपए के भाव में बिक रहा है. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा उत्पादन घीया का हो रहा है. खेत से प्रतिदिन एक क्विंटल घीया निकल रहा है. अन्य सब्जियां हर तीसरे दिन खेत से निकल रहा है. जिससे हर माह 50 हजार से अधिक की कमाई हो जा रही. वहीं मंडी नहीं होने की वजह से व्यापारी नहीं आते हैं. इसलिए ज्यादातर सब्जियों को बाजार ले जाकर खुद से खुदरा भाव में बेचन पड़ता है. यही वजह है कि सब्जी की उचित कीमत मिल जाती है.
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FIRST PUBLISHED : September 03, 2023, 13:22 IST