बेतिया. सनातन धर्म पर विवादित बयान देने के मामले में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के मंत्री पुत्र उदयनिधि स्टालिन, डीएमके सांसद ए राजा और मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक मल्लिकार्जुन खड़गे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इन तीनों के विरुद्ध बेतिया व्यवहार न्यायालय में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में कानून के दो छात्रों, रवि प्रकाश मिश्र एवं अंकित देव ने परिवाद दायर कराया है. भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 153, 153(A), 295(A), 298 और 505 के तहत ये परिवाद दायर किया गया है.
दायर परिवाद में दो सितंबर को उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन को बीमारी बताए जाने का जिक्र किया गया है. इसमें यह भी बताया गया है कि इसका समर्थन डीएमके सांसद ए राजा एवं कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पुत्र प्रियांक खड़गे ने भी किया. साथ ही इन लोगों ने इसे और अन्य लोगों से तुलना की है. इसे समाप्त करने की बात कही. इसको टीवी पर देखकर बहुत दु:ख हुआ और उनकी धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ व्यक्तिगत विश्वास को भी ठेस पहुंची है.
बेतिया कोर्ट में दायर परिवाद की कॉपी.
परिवाद में आगे यह कहा गया है कि, स्टालिन ने अपना धर्म बदल लिया है, लेकिन उन्हें ऐसे बयान नहीं देने चाहिए, जिसका असर समाज पर पड़े. उनकी धार्मिक भावनाओं पर विवादित बयान देने से छात्र व युवा प्रभावित होंगे. संभव है कि वे इन बड़े नेताओं के प्रभाव में भी आ जाएं और सनातन का मार्ग छोड़ कर अन्य रास्तों पर चलने लगें. वहीं दोनों कानून के छात्रों ने इस मुद्दे पर जिला विधिज्ञ संघ अध्यक्ष अधिवक्ता एगेंद्र मणि मिश्रा के समक्ष भी अपनी बात रखी है.
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FIRST PUBLISHED : September 09, 2023, 18:12 IST