श्रीनगर के इन गांवों में जारी है लेपर्ड का आतंक

कमल पिमोली/श्रीनगर गढ़वाल. खिर्सू ब्लॉक के सुमाडी, खोला, बलोदी, ऐंठाना, ढिकवाल गांव समेत दर्जन भर से अधिक गांव मे बीते 1 महीने से गुलदार की दहशत (Leopard Terror) देखने को मिल रह  है. गांव के लोग दिन के उजाले मे भी बाहर निकलने से डर रहे हैं. हालांकि वन विभाग के शिकारियों ने एक गुलदार को मार गिराया है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की ओर से मारे गए गुलदार के बाद भी इलाके में गुलदार के दिखने का सिलसिला लगातार जारी है. जिससे बच्चों को स्कूल भेजने मे भी परिवारों को डर लग रहा है. वहीं आम जन जीवन भी पूरी तरह प्रभावित हो रहा है, रोजमर्रा के कार्यों को करने में भी डर लग रहा है.

बीते एक महीने मे श्रीनगर विधानसभा केखिर्सू ब्लॉक के कई गांव मे गुलदार दिखने के साथ-साथ गुलदार के हमले की घटनाओं मे भी इजाफ़ा हुआ है. यहां गुलदार ने कई पालतू जानवरों को अपना शिकार बना दिया. गुलदार के हमले मे दो हफ्ते पहले ढिकवाल गांव की एक 4 साल की बच्ची की मौत हो गई थी. वहीं दो अन्य ग्रामीणों पर भी गुलदार ने हमला किया. बालिका की मौत के बाद से ही ग्रामीणों मे वन विभाग के खिलाफ आक्रोश देखने को मिला.

मारा गया गुलदार तब भी दहशत जारी
वन विभाग की ओर से इलाके मे पिंजरा लगाने से लोगों में डर का माहौल है. इसी बीच 12 सितम्बर को देर रात गुलदार ने ढिकवाल गांव से कुछ दूर जंगल मे शिकारियों पर हमला कर दिया. इस दौरान गुलदार वन विभाग के शिकारियों की गोली का निशाना बन गया और मौके पर ही गुलदार की मौत हो गई. वन विभाग के अधिकारियों का दावा था कि जिस गुलदार ने बालिका को अपना निवाला बनाया, उसकी मौत हो चुकी है और अब गुलदार की दहशत भी खत्म हो चुकी है. लेकिन अगले दिन ही ग्रामीणों को रोड पर गुलदार दिखा. वही ग्राम प्रधान दीपा नेगी का कहना है कि अभी भी इलाके मे दो से अधिक गुलदार सक्रिय हैं. ग्रामीण महिलाओं को खेतों मे काम करने के लिए जानें में भी डर लग रहा है. वही किसी काम के लिए अगर घर से बाहर निकलना भी पड़ रहा है, तो सभी झुंड मे निकल रहे हैं.

ढोल, भंकोरा बजा हो रही गुलदार को भगाने की कोशिश
ग्रामीण सूरज नेगी बताते हैं कि देर रात को स्थानीय युवाओं की ओर से ढोल, भंकोरा बजाकर गुलदार को गांव से दूर रखने की कोशिश करते है, उन्होनें बताया कि दिन के उजाले से लेकर रात के अंधरे में गुलदार लोगों को दिखाई दे रहा है. जल्द ही वन विभाग ने दहशत से निजात नहीं दिलाई तो बड़ी अनहोनी हो सकती है. वही डीएफओ पौड़ी स्वप्निल अनिरुद्ध का कहना है कि वन विभाग की ओर से एक गुलदार को मार दिया गया है. लेपर्ड टेरर वाले इलाकों मे पिंजरे लगाए गए हैं. वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों को मौके पर गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.

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