नई दिल्ली. भारत के सबसे बड़े अपराध रहस्यों में से एक, अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या की मुख्य आरोपी इंद्राणी ने कहा है कि वह जानती थी कि इस मामले में “बेईमानी” हुई थी और वह अभी भी ” शीना की तलाश” कर रही हैं. उनकी बेटी शीना को लेकर उन्हें उम्मीद है कि ‘वह सुरक्षित है, जीवित है.’ कभी उसे गुवाहाटी और कभी उसे कश्मीर में देखा गया था. ये बातें इंद्राणी ने एएनआई पॉडकास्ट में स्मिता प्रकाश के साथ हुई चर्चा में कहीं.
छह साल जेल में बिताने के बाद मई 2022 में इंद्राणी को जमानत दे दी गई थी. अगस्त 2015 में, मुंबई पुलिस ने इंद्राणी, उनके तत्कालीन पति और पूर्व मीडिया कार्यकारी पीटर मुखर्जी, इंद्राणी के पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर श्यामवर राय को शीना का अपहरण करने और उसकी हत्या करने और बाद में उसकी लाश को जलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. यह मामला अपराध होने के तीन साल बाद प्रकाश में आया था. दरअसल जब एक अन्य मामले में ड्राइवर श्यामवर राय की गिरफ्तारी हुई थी तब उसने राज खोले थे और फिर इंद्राणी और खन्ना की गिरफ्तारी हुई थी. इंद्राणी का संस्मरण, ‘अनब्रोकन: द अनटोल्ड स्टोरी’, किताब इस साल जुलाई में रिलीज़ हुई थी.
ईमानदारी से मेरे पास जवाब नहीं है… लेकिन
इंद्राणी से पूछा गया कि अगर शीना जीवित थी, तो वह उससे संपर्क करने का प्रयास क्यों नहीं कर रही थी? इस पर इंद्राणी ने कहा, ‘यह एक ऐसा सवाल है जिसका ईमानदारी से मेरे पास जवाब नहीं है… लेकिन एक बात स्थापित हो गई है कि शीना काफी समय बाद भी जीवित थी.” उसके लापता होने की कथित तारीख… मैं उसकी तलाश कर रही हूं. मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि मैंने उसे खो दिया है.’ मुझे आशा है कि वह जीवित, ठीक और सुरक्षित है. मैं चाहती हूं कि उसे पता चले कि अगर कोई बाधा है जो उसे रोक रही है तो वह सुरक्षित और संरक्षित रहेगी… शीना को देखे जाने की रिपोर्ट के बाद मैं खुद की खोज कर रही हूं. मैं खोज बंद नहीं करूंगी.”
पीटर मुखर्जी के इंटरव्यू देखे हैं मैंने …
अपने पूर्व पति पीटर मुखर्जी के इस खुलासे पर कि शीना बोरा ने उन्हें बताया था कि वह इंद्राणी की जैविक बेटी है. इंद्राणी ने कहा, ‘उन्होंने ऐसा बहुत बाद में कहा. मैंने साक्षात्कार देखे हैं जहां उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता था. मैं यह जानकर हैरान रह गया कि वह इंद्राणी की बेटी थी. टेप पर पूरी बातचीत है, जहां पीटर, राहुल [पीटर का बेटा और शीना का कथित प्रेमी] हैं और शीना को मेरी बेटी बता रहे हैं. किसी को आश्चर्य नहीं हुआ.’
क्या मैं बच्चों से पहले खुद को रखती हूं
इंद्राणी ने बताया कि ‘शीना तीन साल तक मेरे साथ रही. जब मैं बहुत व्यस्त थी, हमने एक-दूसरे के साथ समय बिताया… हमारे बीच राहुल को भेजे गए कई संदेश रिकॉर्ड में आए हैं, जहां वह कहती है कि मैं अपनी मां के साथ बहुत अच्छी स्थिति में हूं, इसलिए कृपया मेरी मां के साथ उस रिश्ते में हस्तक्षेप न करें.’ इंद्राणी ने कहा कि “अगर मैं गुवाहाटी में रहती, तो मैं आत्महत्या कर लेती. 17 साल की उम्र में, जब मैं दुर्व्यवहार से गुजर रही थी, तो यह सवाल बहस का विषय है कि क्या मैं खुद को अपने बच्चों से पहले रखती हूं… शायद मुझे शीना और मिखाइल को अपने साथ लाना चाहिए था… या शायद मुझे वहीं रुक जाना चाहिए था… लेकिन मैं दुर्व्यवहार से नहीं निपट सकती थी.
मैं पड़ोस में रहने वाली आम लड़की नहीं थी
इसके साथ ही, बच्चों की देखभाल करने के लिए, मुझे आर्थिक और भावनात्मक रूप से स्थिर होने की आवश्यकता थी. तब मैंने पढ़ाई की. मैंने अपने बच्चों की देखभाल की…लेकिन मेरे पिता के लौटते ही…मुझे एहसास हुआ कि मैं पड़ोस में रहने वाली आम लड़की नहीं थी. मेरे पास एक ताकत थी जिसे मैंने पहचाना. अगर मैं बाहर निकलती, तो ही मैं अपने बच्चों की मदद कर पाती.’
क्या वह शव सचमुच में शीना का ही था…
इंद्राणी ने कहा कि “खोपड़ियों और हड्डियों के बारे में बात करना मेरे जीवन का हिस्सा बन गया है. सबसे जरूरी ये है कि पता चले कि क्या वो शव वाकई शीना का था. मुझे यह जानने की जरूरत थी कि क्या वह जीवित थी? वहां दो शव थे. मई 2012 में, जैसा कि वे 2015 में बताते हैं, महाराष्ट्र के एक दूरदराज के हिस्से में एक शव मिला था. डॉ. संजय ठाकुर द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की गयी थी. उस रिपोर्ट के मुताबिक, दिमाग में कोई बात नहीं थी. बचाव पक्ष ने उससे पूछा कि उसने इसकी जांच कैसे की थी.
खोपड़ी पर आरी से गोलाकार कट बनाया था तो फिर…
उन्होंने कहा, “मैंने खोपड़ी पर एक गोलाकार कट बनाने के लिए एक आरी का इस्तेमाल किया था, खोपड़ी की टोपी हटा दी और देखा कि कोई मस्तिष्क संबंधी मामला नहीं था.” उस शव का कोई डीएनए टेस्ट नहीं किया गया था. उनका दावा था कि जो शव 2012 में मिला था, वही कंकाल कोर्ट में पेश किया गया था. लेकिन प्रस्तुत खोपड़ी बरकरार थी. एम्स और नायर अस्पताल के विशेषज्ञों ने इसकी पुष्टि की है. जिस खोपड़ी को आरी से काट दिया गया हो, वह वर्षों बाद कैसे अक्षुण्ण खोपड़ी बन जाती है?
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क्या राहुल एक आत्मा के साथ बातचीत कर रहा था?
इंद्राणी ने कहा कि “मुझे पता था कि बेईमानी हुई थी. इसमें कोई संदेह नहीं था. इसने मुझे विश्वास करने का कारण दिया. राहुल के फोन से फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरीज निदेशालय (डीएफएसएल) के संदेश प्राप्त हुए थे…कथित लापता होने की तारीख के बाद भी, शीना और राहुल के बीच लगातार संदेशों का आदान-प्रदान हुआ था. संदेश इस बारे में अंतरंग थे कि “खाना उठाओ या ऑर्डर करो, तुम नीचे आओ.” कम से कम दो सप्ताह के लिए. क्या राहुल हर दिन एक आत्मा के साथ बातचीत कर रहा था? राहुल ने कहीं भी कोई शिकायत दर्ज नहीं की. किसी भी पुलिस स्टेशन के पास यह स्थापित करने के लिए कुछ भी नहीं है. उसने कहीं भी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. जब वह लापता थी तो मैंने पुलिस से संपर्क किया. रिकॉर्ड पर टेप हैं जहां मैं कह रही हूं कि मैं आपके साथ पुलिस स्टेशन जाऊंगा, लेकिन वह नहीं आया.”
कोर्ट में डीएनए एक्सपर्ट ने स्वीकारा कि उसने रिपोर्ट बदल दी थी
इंद्राणी ने बताया कि “लोग सचेत रूप से इस तथ्य से जुड़ना नहीं चाहते हैं कि एक दुःखी माँ है… जब हमें आरोप पत्र मिला और मैंने डीएनए रिपोर्ट देखी, तो मुझे समझ नहीं आया… मेरे तत्कालीन मुकदमे के वकील सुदीप पासबोला ने पूछा कि क्या मैं हत्या का दोषी थी. यदि आप कहते हैं कि आप निर्दोष हैं, तो मैं साबित करने के लिए हर सबूत दूंगा… जब हमने डीएनए डेटा (इलेक्ट्रोफेरोग्राम) मांगा, तो मेरे वकील ने कहा कि हम जीतेंगे. इस डीएनए डेटा में, मशीन-मुद्रित संख्याओं को काट दिया गया और मेरे नमूने से मेल खाने के लिए बदल दिया गया था. हमारे वकीलों ने अदालत में डीएनए विशेषज्ञ से सवाल किए तो फिर उसने स्वीकार किया कि उसने ही इसे बदल दिया है.
क्या शीना जीवित है?
इंद्राणी ने कहा कि मैंने कभी यह दावा नहीं किया कि शीना जीवित है, मैंने शीना को कभी नहीं देखा या उससे मिली नहीं. कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने ये दावे किए हैं. एक वकील ने एक वीडियो फुटेज लिया है, अदालत को सीसीटीवी फुटेज मिल गया है… शायद कोई कारण है कि अदालत ने इसकी अनुमति दी है… फोरेंसिक इस संभावना की ओर इशारा करता है कि वह जीवित है. अपराध शाखा के एक पुलिस अधिकारी ने शीना से मुलाकात का दावा किया है.
कोई बड़ी बात है जो शीना जानकर छिप रही है
इंद्राणी ने से जब यह पूछा गया कि शीना अगर जीवित है तो वह आपसे संपर्क क्यों नहीं करेगी? तब इंद्राणी ने जवाब दिया कि यह चकित करने वाला सवाल है. मेरे पास इसका कोई उत्तर नहीं है. अगर उसे गुवाहाटी या कश्मीर में देखा जाता है… तो एक बात स्थापित हो जाती है कि शीना अपने लापता होने की कथित तारीख के बाद भी जीवित थी… कोई यह जानकर छिपता क्यों रहेगा कि उसकी मां इतने सालों तक जेल में रही है? जब तक कोई बड़ी बात न हो…” उन्होंने कहा, “जाहिर तौर पर, राहुल के दावों के मुताबिक, 25 अप्रैल को उसके लापता होने के बाद 26 अप्रैल को उसने पूरा दिन ड्राइवर और पीटर के साथ बिताया. आप ड्राइवर से यह क्यों नहीं पूछेंगे कि आपने उसे कहां छोड़ा था? इसके अलावा, प्रभावशाली पीटर को भी साथ क्यों नहीं लिया गया?”
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Tags: Crime News, Murder case
FIRST PUBLISHED : September 03, 2023, 22:57 IST