मोहित राठौर/शाजापुर. किसी को विदेशी नोट एकत्रित करने का शौक होता है, तो किसी को घूमने का शौक और किसी को बप्पा की प्रतिमाएं एकत्रित करने का शौक हो सकता है. यह लोग अपने श्रद्धा और प्रेम के साथ बप्पा की प्रतिमाएं जुटाते हैं, और ये प्रतिमाएं उनके घर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाती हैं. इससे उनकी आस्था और विश्वास को और भी मजबूती मिलती है, और वे बप्पा की कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए उनकी प्रतिमाओं की देखभाल करते हैं.
अनोखी भक्ति की मिशाल
ये भक्त हैं लालपुरा निवासी होटल व्यवसायी रामकृष्ण भावसार. जिन्होंने बप्पा की हर तरह की प्रतिमाएं अपने घर में रखी हुई है. अपने परिवार या दोस्तों के साथ ये कहीं भी घूमने जाते हैं या किसी पारिवारिक आयोजन में भी शामिल होते हैं, तो उस शहर से बप्पा की सबसे सुंदर प्रतिमा खरीदना नहीं भूलते. रामकृष्ण ने बताया कि पहले उनके पिता स्व. आनंदीलाल भावसार प्रतिमाएं खरीदकर लाते थे और उन्हीं की प्रेरणा से आज वे इस क्रम को आगे बढ़ा रहे हैं. आज स्थिति ये है कि इनके यहां मप्र के अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान, उप्र, राजस्थान के कई शहरों की आकर्षक प्रतिमाएं उपलब्ध हैं. जिनकी सुंदरता देखते ही मन मोह लेती हैं. रामकृष्ण के मुताबिक उनके यहां अब तक 800 से अधिक प्रतिमाएं हैं, जो एक नहीं बल्कि हर शहर से एकत्रित की हुई हैं.
बप्पा के पूजन से करते हैं दिन की शुरूआत
बस स्टैंड पर होटल का व्यवसाय करने वाले रामकृष्ण और उनके परिवार के दिन की शुरूआत बप्पा की आराधना से होती है. इसके बाद ही वे घर से निकलते हैं. केवल वे ही नहीं बल्कि उनके घर का हर सदस्य बप्पा को प्रणाम कर और उनका आशीर्वाद लेकर ही घर से निकलते हैं. वे बताते हैं कि जब भी हमने खुद को संकट में पाया बप्पा ने हमे उससे उबारा है. इसलिए हमारे पूरे परिवार की उनसे विशेष आस्था है और गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी पर्व तक उनके यहां विशेष आयोजन होते हैं.
.
FIRST PUBLISHED : September 10, 2023, 13:58 IST