वृंदावन के कुशाग्र को रास नहीं आई इंजीनियरिंग, अब बने जज, हासिल की 94वीं रैंक

सौरव पाल/मथुराः हाल ही में जारी हुए पीसीएस जे परीक्षा परिणाम में यूपी के 302 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जिसमें वृंदावन के कुशाग्र मिश्रा ने 94 रैंक हासिल कर ब्रज का नाम रोशन किया है. कुशाग्र ने इंजीनियर से लेकर जज बनने तक के सफर कड़ी मेहनत के बाद तय किया.

कुशाग्र ने बताया कि स्कूल के दिनों में वह साइंस से पढ़ाई करते थे. साइंस साइड से ही उन्होंने 12वीं पास की. इसके बाद उन्होंने एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा से 2016 में  B.tech की डिग्री हासिल की. लेकिन B. tech के दौरान उन्हें लगा कि यह क्षेत्र उनके लिए नहीं है.

दादा और पिता से मिली प्रेरणा
बताया कि उनके दादा सतीश चंद्र मिश्रा Deputy General Council थे. वहीं उनकी प्रेरणा के स्रोत भी बने. वह हमेशा चाहते थे की मैं लॉ के क्षेत्र में आगे बढ़ू. साथ ही पिता आशुतोष मिश्रा भी मथुरा में अधिवक्ता हैं. इसी वजह से घर पर वकालत और कानून का माहौल शुरू से बना रहा है.  बताया कि बस यहीं से प्रेरणा लेकर उन्होंने लॉ की पढ़ाई करने की ठानी. दिल्ली यूनिवर्सिटी से साल 2020 में लॉ की पढ़ाई पूरी की और फिर पीसीएस जे की तैयारी में जुट गए. अब उन्होंने 94 रैंक हासिल की है.

घरवालों का सपना किया पूरा
कुशाग्र ने बताया कि उनकी तैयारी का सफ़र भी मुश्किल भरा रहा. कई बार कोविड की वजह से एग्जाम की तारीख बदलती रही, लेकिन उन्होंने अपना धैर्य बनाए रखा और उसी धैर्य का फल मिला है. उन्होंने 94 रैंक के साथ पीसीएस जे की परीक्षा पास कर अपने दादा और पिता का सपना पूरा कर ब्रज का नाम भी रोशन किया.

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