रायपुर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को विशेष संरक्षित जनजातियों के विद्यार्थियों से कहा कि वह अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करते हुए आगे बढ़ें और अपने समाज को भी आगे बढ़ाएं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति ने अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दूसरे दिन राजभवन में विशेष संरक्षित जनजातियों के विद्यार्थियों और अन्य सदस्यों से मुलाकात की और उनसे संवाद किया. इस अवसर पर राज्यपाल विश्वभूषण हरिचदंन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मौजूद थे.
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उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ने राज्य की विशेष रूप से संरक्षित जनजातियों बैगा, पहाड़ी कोरवा, कमार, बिरहोर और अबूझमाड़िया जनजाति के सदस्यों से संवाद करते हुए कहा कि जब भी वे देश में भ्रमण करती हैं तो वहां विशेष संरक्षित जनजाति के सदस्यों से अवश्य मिलती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते है कि वे शैक्षणिक एवं सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े हैं. समाज में जो कमजोर है उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए.”
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आज हमारा देश चंद्रमा तक पहुंच गया है. कमजोर जनजातीय समूह को भी आगे बढ़ना चाहिए. केंद्र और राज्य सरकार की योजना का लाभ लेकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त होकर देश की प्रगति में अपना योगदान देना चाहिए.”
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति ने विशेष पिछड़े जनजातियों के बच्चों से संवाद भी किया. बच्चों ने अपने सपनों और भविष्य की योजनाओं के बारे में उनसे खुलकर बातचीत की. नारायणपुर जिले की अबूझमुडिया जनजाति की छात्रा वंशिका नुरेटी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नीट की तैयारी के लिए कोचिंग की अच्छी व्यवस्था की गई है, जिसका लाभ लेकर वह डॉक्टर बनना चाहती हैं. नुरेटी राजधानी के प्रयास विद्यालय में कक्षा नवमीं में पढ़ती हैं.
अबूझमाड क्षेत्र के कोहामेटा गांव के निवासी सुखराम नुरेटी ने कहा कि प्रयास आवासीय विद्यालय में पढ़कर उन्होंने अपना कैरियर बनाया है. वर्तमान में वह बस्तर जिले में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं. अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति मुर्मू ने वहां मौजूद छात्रों से कहा कि बच्चे अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करते हुए आगे बढें और अपने समाज को भी आगे बढ़ाएं.
उन्होंने बताया कि जनजाति समुदाय के सदस्यों ने राष्ट्रपति का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया और उन्हें बीरनमाला, खुमरी और कलगी फेंटा भेंट किया. मुर्म दो दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास पर बृहस्पतिवार को रायपुर पहुंची थी. बृहस्पतिवार को उन्होंने रायपुर में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था.
बिलासपुर के रतनपुर में मां महामाया का दर्शन करने और यहां के गुरू घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के बाद रायपुर लौट गईं. राजधानी रायपुर स्थित राजभवन में जनजातीय समूहों के साथ चर्चा के बाद राष्ट्रपति शाम को दिल्ली के लिए रवाना हो गईं. अधिकारियों ने बताया कि राज्यपाल हरिचंदन और मुख्यमंत्री बघेल ने राष्ट्रपति को विदाई दी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)