राजस्थान में जिनका काम ठीक नहीं उनके टिकट कटेंगे, कांग्रेस ने तैयार किया नया फार्मूला

नई दिल्ली/ जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अब छह महीने से भी कम का समय बचा है। ऐसे में वहां सत्तारूढ़ कांग्रेस ने सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए बाकायदा रणनीति बनाई है। इसमें जमीन पर सरकार और अपने विधायकों के खिलाफ नाराजगी को दूर करने की योजना बनाई जा रही है। इसके तहत एक तरफ सरकार लोगों तक पहुंचकर उनकी समस्याओं को दूर करने की कवायद में जुट गई है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस फिलहाल ऐसे विधायकों और मंत्रियों के टिकट काटने की योजना बना रही है, जिनके खिलाफ नाराजगी है।

70 फीसदी तक विधायकों और मंत्रियों के कट सकते हैं टिकिट

कांग्रेस के एक अहम रणनीतिकार का कहना था कि जल्द ही एक सर्वे कराने जा रहे हैं, जिसके आधार पर टिकटों का फैसला होगा। पार्टी वहां लगभग 70 फीसदी के आसपास अपने विधायकों और मंत्रियों के टिकट काटने की योजना बना रही है। इस बारे में उक्त रणनीतिकार का कहना था कि जब बीजेपी ऐसा कर सकती है तो हम क्यों नहीं। अगर पार्टी का आधार बनाए रखना है तो कड़े फैसले लेने होंगे।

हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के जरिए लिया जा रहा है फीडबैक

पार्टी ऐसे मंत्रियों-विधायकों के टिकट काटने की सोच रही है। जो अपने इलाके में नहीं जाते या काम नहीं कर रहे हैं। वहीं शुरुआती सर्वे से फीडबैक मिला है कि जमीन पर सरकार से नाराजगी नहीं है, बल्कि विधायकों के खिलाफ नाराजगी है। हालांकि जिन विधायकों-मंत्रियों में सुधार की गुंजाइश है, उन्हें कहा गया है कि वह अपने-अपने इलाके में जाकर काम कर लोागों की नाराजगी दूर करें। पार्टी वहां ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ कार्यक्रम के जरिए लोगों का फीडबैक भी ले रही है।

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सभी सात मंडलों में जाएंगे CM गहलोत

सरकार की ओर से सूबे के सभी सातों मंडलों में सीएम अशोक गहलोत का कार्यक्रम रखा गया है। जिसमें सीएम समझ रहे हैं कि सरकार की किस योजना का कितना काम बाकी है, कहां योजना पर तेजी से अमल करने की जरूरत है। किस मुद्दे पर लोगों की नाराजगी है।

एक परिवार, एक टिकट की रणनीति

दूसरी ओर, कांग्रेस ने कोटा सिस्टम को खत्म करने और ‘एक परिवार, एक टिकट’ की रणनीति पर आगे बढ़ने की योजना बनाई है। पार्टी के एक अहम सूत्र का कहना था कि हमारी कोशिश रहेगी कि ऐसे किसी भी चेहरे को टिकट देने से बचा जाए, जिनके बारे में जमीन पर सही फीडबैक नहीं है। दरअसल, हिमाचल प्रदेश के हालिया चुनावों से सबक लेते हुए पार्टी ऐसा करने पर विचार कर रही है। दरअसल, वहां तीन ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया गया, जिनके बारे में पार्टी की ओर से कराए गए सर्वे में पॉजिटिव फीडबैक नहीं था, लेकिन उन्होंने अपने रसूख के चलते टिकट हासिल कर लिया। हालांकि चुनाव में ये तीनों ही हार गए।

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