राजस्थान में गरजे पंजाब के CM भगवंत; बोले-हम चुनाव में लॉलीपॉप नहीं देते

Rajasthan Assembly Elections, जयपुर: ज्यों-ज्यों राजस्थान समेत देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं, राजनैतिक पार्टियों ने अपने-अपने हिसाब से किलेबंदी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में सोमवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर में दो-दो राज्यों के मुख्यमंत्री विरोधियों पर जमकर बरसे। इनमें से एक थे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दूसरे पंजाब के सीएम भगवंत मान थे।

जयपुर में लोगों को ‘केजरीवाल की गारंटी’ से -ब-रू कराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, ‘इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए आज आपका हर कदम राजस्थान और उसके लोगों के लिए क्रांति और बेहतर भविष्य की दिशा में बढ़ाया कदम है। हम दिल्ली और पंजाब में पहले ही ये गारंटी पूरी कर चुके हैं। पंजाब में आप की सरकार एक साल पांच महीने पहले ही बनी है, लेकिन हमने वहां सभी प्रमुख चुनावी गारंटी पूरी की हैं’। मान ने कहा कि वह चुनाव के समय लॉलीपॉप नहीं देते, क्योंकि वह जुमलेबाज नहीं हैं। वही कहते हैं, जो हम कर सकते हैं। इसी के साथ उन्होंने राजस्थान के लोगों से आम आदमी पार्टी (AAP) के रूप में ईमानदार सरकार बनाने के लिए वोट की अपील की।

<

>

उधर, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस दौरान कहा, ‘आजादी के 76 साल बाद भी सिर्फ आम आदमी पार्टी ही स्कूल, अस्पताल, रोजगार और विकास की बात करती है। हम राजनेता नहीं हैं। हम यहां अपने देश को नंबर एक बनाने के लिए काम करने आए हैं’। उन्होंने दिल्ली और पंजाब में बहुमत मिलने के पीछे अपनी पार्टी के काम को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि अगर राजस्थान में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार बनती है तो लोगों को बिजली 24 घंटे और मुफ्त मिलेगी। सरकारी स्कूलों की हालत में सुधार किया जाएगा।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली और पंजाब की तरह मोहल्ला क्लीनिक और अच्छे सरकारी अस्पताल बनाकर मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं भी जुटाई जाएंगी। युवाओं को बड़ी तादाद में रोजगार दिया जाएगा। दिल्ली में 2 लाख सरकारी नौकरियां और 12 लाख प्राइवेट नौकरियां देने की बात भी अरविंद केजरीवाल ने कही। इसके अलावा ‘एक देश-एक चुनाव’ के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए दिल्ली के सीएम ने कहा कि बीजेपी सरकार ने नौ साल में कुछ नहीं किया। अब लोगों से वोट मांगने के लिए जब कोई मुद्दा नहीं है तो ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ का फंडा अपनाने पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि इससे आम लोगों को कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है। इसकी जगह ‘वन नेशन-वन एजुकेशन’ होना चाहिए।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *