राजनयिक दस्तावेज मामला: पाक अदालत ने इमरान की ज़मानत याचिका पर एफआईए को नोटिस जारी किया

पूर्व विदेश मंत्री कुरैशी (67) को सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। उनपर आरोप है कि उनके विदेश मंत्री रहने के दौरान अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास द्वारा विदेश दफ्तर को भेजे गए दस्तावेज की उन्होंने गोपनीयता बरकरार नहीं रखी।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने गोपनीय राजनयिक दस्तावेज कथित तौर पर लीक करने से जुड़े मामले में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की ज़मानत याचिका पर सोमवार को पाकिस्तान की शीर्ष जांच एजेंसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।
एक विशेष अदालत ने खान(70) की ज़मानत याचिका शनिवार को खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ खान के वकील सलमान सफदर ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। विशेष अदालत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के खिलाफ इस मामले पर सुनवाई कर रही है।

विशेष अदालत ने 13 सितंबर को मामले में खान और दो बार के विदेश मंत्री कुरैशी की न्यायिक हिरासत 26 सितंबर तक बढ़ा दी थी।
खान और कुरैशी दोनों पर पिछले साल मार्च में, अमेरिका स्थित पाकिस्तानी दूतावास द्वारा भेजे गए एक राजनयिक दस्तावेज़ के गायब होने के संबंध में देश के गोपनीय कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने खान के वकील की दलीलें सुनने के बाद संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) को नोटिस जारी किया और उसे उनकी याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

बाद में, अदालत ने सुनवाई अगले हफ्ते तक के लिए स्थगित कर दी और खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने एक व्हाट्सऐप संदेश में इसकी पुष्टि की।
पांच अगस्त को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषसिद्धि के बाद से खान को अटक जेल में रखा गया है। इस मामले पर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने 29 अगस्त को उनकी सज़ा को निलंबत कर दिया था, लेकिन वह राजनयिक दस्तावेज मामले में जेल में बंद हैं।

पूर्व विदेश मंत्री कुरैशी (67) को सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। उनपर आरोप है कि उनके विदेश मंत्री रहने के दौरान अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास द्वारा विदेश दफ्तर को भेजे गए दस्तावेज की उन्होंने गोपनीयता बरकरार नहीं रखी।

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