रांची में 350 साल पुराना है मदन मोहन मंदिर, धूमधाम से बनाई जाएगी जन्माष्ट्मी

शिखा श्रेया/रांची. अगर आप जन्माष्टमी इस बार कृष्ण भगवान के मंदिर में जाकर बड़े धूमधाम के साथ मनाना चाहते हैं. तो झारखंड की राजधानी रांची के बोरिया गांव स्थित मदन मोहन मंदिर जो कि भगवान कृष्ण को समर्पित है यहां सकते हैं. इस मंदिर की स्थापना आज से करीब 360 साल पहले की गई थी. जो कि गांव के ही एक ब्राह्मण और कृष्ण के परम भक्त द्वारा की गई थी.

मंदिर के पुजारी मुरारी पांडे ने बताया यह मंदिर 360 साल पुराना है और एक कृष्ण भक्त द्वारा स्थापित कि गया था. यह मंदिर पूरी तरह ग्रेनाइट्स पत्थर से बना हुआ है. इसलिए उसकी खूबसूरती देखने लायक बनती हैं. यहां हर साल जन्माष्टमी बड़े धूम धाम से मनाई जाती है. जन्माष्टमी को देखते हुए मंदिर के परिसर में ही पंडाल लगाया जाता है और सुबह 7 बजे से लेकर रात के 1:00 बजे तक हर उल्लास के साथ भक्त त्यौहार मनाते हैं.

जन्माष्टमी पर सुबह 7:00 बजे से ही शुरू हो जाएगी पूजा

पुजारी मुरारी पांडे बताते हैं जन्माष्टमी के दिन सुबह 7:00 बजे से ही भजन कीर्तन का दौर शुरू हो जाएगा. इसके बाद भगवान को भोग लगेगा व हांडी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा. वही, प्रभु को 56 तरह के भोग प्रसाद के रूप में चढ़ाएं जाएंगे. साथ ही रात के 12:00 बजे पूरे धूमधाम के साथ इनका जन्मोत्सव भजन कीर्तन व नाच गाने के साथ मनेगा और प्रभु को झूलन में झुलाया जाएगा. उन्होंने आगे बताया जन्माष्टमी के मौके पर यहां पर लाखों की भीड़ लगती है. दूर-दूर से लोग यहां पूजा अर्चना करने आते हैं. इसके अलावा यहां पर महाभोग प्रसाद का वितरण किया जाता है. महा भोग प्रसाद का वितरण शाम के 7:00 बजे से शुरू हो जाएगा.

दो बार चोरी हो चुकी है कृष्ण के सोने की मूर्ति

पुजारी मुरारी पांडे ने बताया इस मंदिर से दो बार कृष्ण के सोने की मूर्ति चोरी हो चुकी है. इसके बाद 2018 में तीसरी मूर्ति स्थापित की गई है. अब मंदिर की सुरक्षा भी काफी कड़ी कर दी गई है. साथ ही मान्यता यह भी है कि इस मंदिर में भगवान के सामने जो भी झूठ बोलेगा उसके हाथ पैर थरथराने लगेंगे और गिरकर बेहोश हो जाता है. इसीलिए कोई भी इस मंदिर में झूठ नहीं बोलता. पुजारी मुरारी पांडे बताते हैं यहां के स्थानीय मोहल्ले के जितने भी लोग हैं वह सब कृष्ण लाल के दर्शन से ही अपने दिन की शुरुआत करते हैं. कुछ लोग तो ऐसे भी है जो 10 किलोमीटर पैदल चलकर सुबह यहां मोराबादी से आते हैं, सिर्फ प्रभु का दर्शन करने. इसके अलावा रात में सोने से पहले भी प्रभु को स्थानीय लोग शुभ रात्रि बोलने मंदिर आते हैं.

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