चंदन गुप्ता/देवरियाः आपने अक्सर सुना होगा की दवा ही नहीं, बल्कि चमत्कारों से भी कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं और उन चमत्कारों की कहानियां बहुत प्रसिद्ध हो जाती हैं. लेकिन इसमें आधा सत्य और आधा मिथ्या भी हो सकता है. आज हम आपको एक ऐसी कहानी से परिचय दिलाने जा रहे हैं, जिससे आपकी आस्था और चमत्कारों पर सोचने में मजबूर हो सकती है. यह कहानी देवरिया जनपद के एक ऐसे स्थान से जुड़ी है, जिसे “परशुराम धाम” के नाम से जाना जाता है. इस स्थान में एक तालाब है.
यहां हजारों सालों से लोगों का ये मानना है कि जब वो इस तालाब में स्नान करते हैं तो उनके त्वचा संबंधित रोग जैसे दाद, खाज, खुजली आदि तब ठीक हो जाते हैं. यहां के पुजारी ने बताया कि रविवार और शनिवार को यहां लोग बड़े दूर-दूर से आकर अपनी त्वचा संबंधित समस्याओं का इलाज करते हैं. इसका कारण मान्यता है कि इन दिनों तालाब का पानी विशेष रूप से पवित्र होता है और यह रोगों के लिए शिफाबख्श होता है.
अन्य क्षेत्रों के लोग भी आते हैं
सोहनाग के पवित्र सरोवर के पास स्थित भगवान परशुराम मंदिर के पुजारी ने बताया कि दूसरे राज्यों से भी लोग यहां आते हैं. वो अस्पतालों में इलाज करवाने के बाद भी अगर उनकी समस्या नहीं ठीक हो रही है तो वो यहां आकर तालाब में स्नान करते हैं, और अच्छे परिणाम प्राप्त करते हैं.
पवित्र सरोवर का इतिहास
सोहनाग के पवित्र सरोवर का इतिहास माना जाता है कि भगवान परशुराम ने इस सरोवर में स्नान किया था और उनके शरीर का स्पर्श होकर यह सरोवर पवित्र हो गया और उसका पानी रोग मुक्त करने के लिए उपयुक्त माना गया.
ये हैं मान्यताएं
इस रूपरेखा में यह कहानी हमें दिखाती है कि कैसे आस्था और चमत्कारों की मान्यता किसी क्षेत्र में एक विशेष स्थान प्राप्त कर सकती है, जो कि वास्तविकता में आधारित हो सकता है. यह कहानी बताती है कि अगर हमारी मान्यताओं और आस्था के पीछे भी कुछ वैज्ञानिक तथ्य हो सकते हैं, और हमें उन्हें समझने का प्रयास करना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : August 31, 2023, 20:13 IST