युवाओं लिए वरदान साबित हो रहा MSME…Entrepreneur बन दे रहे रोजगार

गौरव सिंह/भोजपुर. क्या आप रोजगार की तलाश में हैं या फिर खुद का स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं, तो ऐसे में एमएसएमई आपके लिए वरदान साबित हो सकता है. बिहार के आरा में सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (MSME) उद्यमियों के लिए वरदान साबित हो रहा है. विगत साल की तुलना में 33 प्रतिशत ज्यादा उद्यमी उद्योग विभाग से जुड़ रोजगार के क्षेत्र में आगे आये और इसका भरपूर लाभ ले रहे हैं. भोजपुर के सभी उद्यमियों की उद्यमिता और कौशल विकास के लिए विभाग की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्हें प्रशिक्षण देने से लेकर प्रोजेक्ट बनवाने तक मदद की जाती है.

किसी भी उद्यमी को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की योजनाओं को लाभ लेने के लिए जरूरी है कि सबसे पहले उद्यम पोर्टल पर पंजीयन कराए. उसके बाद प्रोजेक्ट पर विभाग विचार करता है. इसके लिए जरूरत पडऩे पर उद्यमी को प्रशिक्षण देने से लेकर प्रोजेक्ट बनाने तक में मदद की जाती है. मुख्य रूप से इंजीनियरिंग कालेजों, प्रबंधन संस्थान, औद्योगिक संगठनों के माध्यम से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय निरंतर जागरूकता शिविर का आयोजन करता है. 8वीं पास और 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी युवा विभाग की योजनाओं का लाभ उठा सकता है. उद्यमी को पंजीयन के लिए आधार कार्ड और पैन नंबर होना चाहिए.

प्रोजेक्ट होस्ट इंस्टीट्यूट को 15 लाख रुपए
कालेज के छात्र-छात्राओं को समय-समय पर विभाग के नए-नए प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी जाती है. इन संस्थानों को इंक्यूबेशन स्कीम के माध्यम से जोड़ा गया है. इन संस्थानों से चुने जाने वाले प्रोजेक्ट पर मंत्रालयें की ओर से प्रति प्रोजेक्ट होस्ट इंस्टीट्यूट को 15 लाख रुपये देने का प्रावधान किया गया है. इन संस्थानों से आने वाले अधिकांश प्रोजेक्ट आइडिया आधारित होते हैं. खासकर युवा इसकी ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं. इस साल भोजपुर जिला में 33 प्रतिशत उद्यमियों की संख्या बढ़ी है. डीआईसी भोजपुर के जेनरल मैनेजर श्याम किशोर पटेल का कहना है कि प्रोजेक्ट बाजार आधारित होना चाहिए. जिस उत्पाद की बाजार में ज्यादा मांग होती है, उसका भविष्य हमेशा उज्ज्वल होता है. विभाग ऐसे उद्यमों को प्राथमिकता देता है. ऐसे प्रोजेक्ट बनाने के लिए विभाग की ओर से उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाता है. इस साल 33 प्रतिशत नए उद्यमी जुड़े है लक्ष्य है कि साल खत्म होने तक 50 प्रतिशत तक किया जाए.

युवाओें को दी जाती है कौशल विकास की ट्रेनिंग 
एमएसएमई की ओर से युवा उद्यमियों की उद्यमिता और कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है. उद्यमिता विकास के लिए विभाग की ओर से 10 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इस दौरान उद्यमी को प्रोजेक्ट बनाने, उसके संचालन, प्रबंधन, उद्योग स्थापित करने की जानकारी दी जाती है. इसके अलावा उद्यमिता और कौशल विकास का 20 दिनों का प्रशिक्षण देने की भी व्यवस्था की गई है. इसमें टैली और गारमेंट निर्माण सहित कई उद्योगों के विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है.

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