यहां पर तेजी से बढ़ रहा साइकिल का प्रचलन, मांग इतनी की 1200 से बढ़ाकर हुई 1800

अभिलाष मिश्रा/ इंदौर. सेहत के साथ ही ईंधन की बचत के प्रति भी लोग जागरूक होने लगे हैं. ये आफिस और अन्य काम में दोपहिया, लोकसेवा वाहनों की अपेक्षा माय बाइक (साइकल) के उपयोग को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं. एक रुपए प्रति घंटे किराये पर मिलने वाली इन साइकिलों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 15 दिन पहले 100 स्थानों से 1200 साइकिले किराए पर चलती थी, अब 110 स्थानों पर 1800 साइकिलें खड़ी हो रही है. पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट लिमिटेड (एआईसीटीएसएल) ने यह नवाचार किया था.

शहर में हजारों की संख्या मे लोकसेवा वाहन (बस, मैजिक,वैन, आटो ई रिक्शा) दौड़ रहे हैं. इसमें रोजाना लाखों की संख्या में यात्री सफर करते हैं. हालत यह हो गई है कि कई मार्गों पर दिनभर वाहन गुत्थमगुत्था होते रहते हैं. इससे वाहन चालकों को ईंधन के साथ समय भी अधिक खर्च करना पड़ता है.

बेहतर स्वास्थ्य पर ध्यान
बेहतर स्वास्थ्य के लिए युवा, बुजुर्ग सुबह तफरीह पर निकलते हैं. कुछ योगा, व्यायाम तो कुछ साइक्लिंग करना पसंद करते हैं. तफरीह करने वाले इस साइकिल का अधिक इस्तेमाल कर रहे है.युवा ज्यादा कर रहे इस्तेमाल इन साइकिलों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा युवा कर रहे हैं. इनकी संख्या 900 के करीब है. इसके अलावा 300 बुजुर्ग 250 महिलाएं 100 बच्चे और 250 युवतियां रोज इन साइकिलों का इस्तेमाल कर रही हैं. कुछ लोग 3 से 4 घंटे तो कुछ 10 घंटे तक साइकिल अपने पास रखते हैं.नियमित रूप से महेंद्र मकबरे ने बताया की निगम की साइकिल योजना काफी अच्छी है. दोपहिया वाहन नहीं होने से बस से ऑफिस जाना पड़ता था. वजन बढ़ने से बीमारियां भी होने लगी थी. हर माह 400 से 500 रुपए खर्च होता था.जबसे माय बाइक शुरू हुई है, वजन कम होने लगा है.

अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है
एआईसीटीएसएल के प्रभारी मनोज पाठक ने बताया की माय बाइक को बेहतर रिस्पॉन्स मिल रहा है. 600 साइकिलों की संख्या और बढ़ाई गई है. डिमांड आने पर संख्या और बढ़ाई जाएगी.

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