अनूप पासवान/कोरबा. कोरबा के मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल में दलालों की सक्रियता काफी बढ़ गई है. आलम ये है कि अब अस्पताल के कर्मचारी ही दलाल बनकर विशेष मामलों में लोगों को मिलने वाले मुआवजे की राशि को हड़पने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहते. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां सर्पदंश के कारण जिस बच्ची की मौत हो गई थी.उसके परिजनों को आसानी से मुआवजा दिलवाने का झांसा देकर अस्पताल के कर्मचारी बरगलाने में लगा हुआ था लेकिन प्रबंधन की तत्परता से कर्मचारी अपने मंसूबो में पर पानी फिर गया.
गौरतलब है कि सर्पदंश से मौत होने के मामलों में छत्तीसगढ़ में शासन की तरफ से मृतक के परिजनों को चार लाख की सहायता राशि मिलती है. कई दफा इस राशि को पाने की प्रक्रिया को लोग नहीं समझ पाते जिसका बेजा फायदा दलाल किस्म के लोग उठाते हैं. सहायता करने के बदले उनसे मोटी रकम वसूलते है. पहले बाहर के दलाल इस कार्य में सक्रिय थे लेकिन अब अस्पताल के कर्मचारी ही दलालों की भूमिका निभाने में लगे हुए हैं.
मृतका के पिता जो दिया झांसा देने का प्रयास
ऐसा ही कुछ मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल में देखने को मिला जहां सर्पदंश सर्पदंश के कारण जिस बच्ची की मौत हो गई थी. उसके पिता को अस्पताल के कर्मी ने दस हजार रुपए थमाते हुए मुआवजा की राशि जल्द से जल्द दिलाने की बात कही. इस बात की सूचना जिला अस्पताल पुलिस चौकी के कर्मियों को लगी तो उन्होंने उसे समझाया कि मुआवजा दिलाने के बहाने उससे मोटी रकम वसूलने की तैयारी है. फिर क्या था मृतका के पिता ने रकम लौटा दी और मुआवजा मिलने की पूरी प्रक्रिया खुद से ही कर लेने की बात कही.
अस्पताल प्रबंधन ने कर्मचारी को बाहर निकाला
इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने उस कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए काम से बाहर निकाल दिया है. जिसने मुआवजा दिलाने के बहाने मृतका के पिता को बरगलाने का प्रयास किया था. इस मामले में पुलिसकर्मियों की भूमिका को भी नकारा नहीं जा सकता जिनकी तत्परता के बदौलत एक व्यक्ति लुटने से बच गया.
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FIRST PUBLISHED : September 05, 2023, 21:06 IST