सोढ़ा ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि आज उन्हें भारतीय होने का जो यह प्रमाण पत्र मिला है, यह किसी पुनर्जन्म के सर्टिफिकेट से कम नहीं है। मैं इसे पाकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। इसके लिए वे जिला कलेक्टर टीना डाबी का बहुत ही आभार जताते हैं। सोढ़ा ने बताया कि पाकिस्तान में सोढ़ा-सोढ़ा में शादी नहीं हो सकती है। इसी वजह से पाकिस्तान को छोड़कर भारत आया था।
10 साल से भारतीय होने का कर रहे इंतजार
बता दें, सोढ़ा पाकिस्तान से 2012 में जैसलमेर आए थे। बीते 10 वर्षों से वह भारतीय नागरिकता का इंतजार कर रहे थे। वहीं वर्ष 2019 से लंबित नागरिकता आवेदन को लेकर जिला कलेक्टर टीना डाबी के प्रयासों से उन्हें आखिरकार भारतीय होने का सर्टिफिकेट मिल चुका है।
प्राइवेट हॉस्पिटल में काम करते हैं सोढ़ा
सोढ़ा जैसलमेर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में बच्चों के डॉक्टर के पद पर कार्यरत है। वहीं जहां ये तीन भाई जैसलमेर आ चुके हैं। वहीं एक भाई और माता-पिता अभी भी पाकिस्तान में है और वे चाहते हैं कि वह भी जल्द ही हिंदुस्तान की धरती पर आ जाएं। (रिपोर्ट- जगदीश गोस्वामी)