बोकारो. कहते हैं कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. झारखंड के इरफान ने भी कड़ी मेहनत की, जो अब रंग लाई है. उनको गूगल ने जॉब ऑफर किया है. बोकारो के गोमिया प्रखंड के आईईएल मस्जिद मोहल्ला के रहने वाले हाजी अब्दुल कादिर भाटी के बेटे इरफान भाटी ने गूगल लंदन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पोस्ट पर नौकरी पाकर यह सफलता हासिल की है. 29 अगस्त को इरफान लंदन के लिए रवाना होंगे. इरफान भाटी इसके पहले गूगल इंडिया में ही नौकरी कर रहे थे, जहां उन्हें 40 लाख का पैकेज दिया जा रहा था, लेकिन इरफान भाटी का मकसद ऊंची उड़ान था. इसके लिए वे लगातार कोशिश कर रहे थे.
बहुत कम बोलने वाले इरफान भाटी ने ऊंची छलांग लगाई है और गूगल लंदन में नौकरी पाने में सफलता हासिल की है. अब कंपनी ने उन्हें एक करोड़ 20 लाख का पैकेज ऑफर किया है. इस उपलब्धि के लिए उन्होंने इसका श्रेय अपने माता-पिता और परिवार के सदस्यों को दिया है.
कुछ साल पहले हुआ था माता का निधन
इरफान भाटी ने बताया कि 2014 में पिट्स मॉडर्न स्कूल से 12वीं तक की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने पश्चिम बंगाल के हल्दिया में इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद 2019 में बाईजूस और फ्लिपकार्ट में करीब डेढ़ साल तक काम किया. इसी बीच उनकी माता रुखसाना का निधन हो गया. इससे वे काफी दुखी थे, लेकिन परिवार वालों के हौसलाफजाई के बाद फिर से मंजिल की ओर रुख किया.
गूगल में नौकरी के लिए ऑनलाइन इंटरव्यू दिया, जिसमें वे पास हो गए और उन्हें गूगल इंडिया में नौकरी मिल गई. यहां वे गूगल मैप के लिए काम कर रहे थे. उन्होंने बेंगलुरु में करीब ढाई साल तक काम किया. इस बार उन्हें गूगल लंदन में नौकरी मिल गई. उन्होंने बताया कि यहां गूगल में एप्लिकेशन बनाने का काम करेंगे. बेटे के इस उपलब्धि पर पिता हाजी अब्दुल कादिर भाटी ने कहा कि वह बेटे के इस मुकाम से काफी खुश हैं. उन्हें अपने बेटे पर नाज है. बता दें इरफान कि दादा मकबूल भाटी 1965 में राजस्थान से गोमिया आए थे. आईईएल कंपनी में उन्हें स्क्रैप उठाने का काम मिला था. उसी समय से परिवार यहीं बस गया.
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FIRST PUBLISHED : August 25, 2023, 11:05 IST