अमित ने बताया कि इस दौरान आने वाले खर्चे वे और उनके विद्यार्थी खुद ही उठाते हैं. उन्होंने बताया कि इस कार्य को वे माह के आखिरी 2 दिनों में करते हैं, ताकि अन्य दिनों विद्यार्थियों की पढ़ाई में कोई अवरोध ना हो. वहीं, जो विद्यार्थी उनके साथ जाने के इच्छुक होते हैं वह अल्टरनेट डे में अपने प्रोग्राम को सेट करते हैं. अमित ने बताया कि अब तक वे लगभग 8 गांव जिनमें बजरंगपुरा बड़ा, नीमचडोवा, गोबाई, बिलहटी, रामनगर और बेला आदि को गोद लेकर महिलाओं की समस्या पर काम कर चुके हैं.