महिलाएं 40 की उम्र के बाद पीरियड्स को लेकर इन लक्षणों को न करें इग्नोर, मेनोपॉज का हो सकते है संकेत

Menopause Symptoms: जब एक महिला मेनोपॉज की उम्र के करीब होती है, तो वह कई बदलावों से गुजरती है जो उसके शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं. जबकि मेनोपॉज की औसत उम्र 45-55 के बीच होती है. बहुत सी महिलाएं खराब लाइफस्टाइल और डाइट संबंधी आदतों के कारण जल्दी मेनोपॉज का अनुभव करती हैं. वजन बढ़ना, हॉट फ्लैशेस और इर्रेगुलर पीरियड्स मेनोपॉज के शुरुआती लक्षण हैं. ऐसे कई अन्य लक्षण हैं जिन्हें महिलाएं अक्सर नजरअंदाज कर देती हैं जो प्रीमेनोपॉज का संकेत हो सकते हैं.

मेनोपॉज के शुरुआती लक्षण | Early Symptoms of Menopause

1. ड्राई वेजाइना

अगर वेजाइना ड्राई है तो यह मेनोपॉज का संकेत हो सकता है. मेनोपॉज तब आता है जब शरीर में एस्ट्रोजन या महिला हार्मोन का लेवल कम हो जाता है. इससे स्किन में खुजली होती है और सूजन होने की संभावना बढ़ जाती है. इससे यूरिनरी इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है.

2. पेशाब का बढ़ना

एस्ट्रोजेन की कमी यूरीनरी ब्लैडर के कार्यों में बाधा पैदा कर सकती है, जहां आपको अचानक पेशाब करने की इच्छा महसूस हो सकती है लेकिन आप पेशाब नहीं कर पाएंगे. इसके अलावा यूरीनरी ब्लैडर पर भार बढ़ने से यूटीआई और अन्य गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं. कैफीन, एसिडिक फूड, खट्टी चीजें और शराब जैसे ट्रिगर्स से सावधान रहें.

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3. कोमल ब्रेस्ट

स्तन कोमलता पीरियड्स का एक सामान्य संकेत है लेकिन ये मेनोपॉज का चेतावनी संकेत भी हो सकता है, जिन महिलाओं को 40 की उम्र में निपल्स में दर्द और कोमल स्तनों का अनुभव होता है, वे प्रीमेनोपॉज स्टेज में हो सकती हैं. अगर आपके स्तनों में असहनीय दर्द हो तो डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी जाती है.

4. नींद की समस्या

हार्मोनल बदलाव आपके स्लीप पैटर्न को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं. जो महिलाएं मेनोपॉज के करीब हैं, उन्हें अनिद्रा और नींद में खलल का अनुभव होने की ज्यादा संभावना है. हालांकि ये हाई स्ट्रेस लेवल के कारण भी हो सकता है.

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5. चक्कर आना

ये मेनोपॉज के प्राइमरी और सूक्ष्म लक्षणों में से एक है जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है. हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव से ब्लड शुगर स्थिरता में बाधा आती है जिसके कारण आपको चक्कर आने का अनुभव हो सकता है.

6. मिजाज

मूड स्विंग पीएमएस का एक प्रमुख संकेत है लेकिन प्रीमेनोपॉजल महिलाएं इसका बहुत अनुभव करती हैं और अक्सर इसे नजरअंदाज कर देती हैं. इससे उनके भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है जो उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंधों को और प्रभावित करता है.

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7. कामेच्छा में कमी

जब आप मेनोपॉज स्टेज में प्रवेश कर रही होती हैं, तो आप कम सेक्स ड्राइव का अनुभव करेंगे. ये एक और संकेत है कि महिलाएं इसे हाई मेंटल स्ट्रेस और थकान से जोड़कर नजरअंदाज कर देती हैं. एस्ट्रोजन हार्मोन लेवल कम होने से कामेच्छा कम हो जाती है जिसे आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

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