महापौर चुनाव में बहू ने बीजेपी को दी थी कड़ी टक्‍कर… अब भाई के फेर में 3 बार से विधायक जैन को सता रहा टिकट कटने का डर

सागर: सागर विधानसभा से तीन बार से विधायक शैलेंद्र जैन को इस बार टिकट कटने का डर सता रहा है। वजह है कांग्रेस नेता सुनील जैन। देवरी से कांग्रेस विधायक रहे सुनील जैन शैलेंद्र जैन के सगे भाई हैं। हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनावों में सुनील जैन की पत्नी निधि जैन कांग्रेस से महापौर की प्रत्याशी थीं। ऐसे में भाजपा विधायक होने के कारण शैलेंद्र जैन पर राजनीतिक दबाव बन गया और जैसे-तैसे उन्होंने एड़ी चोटी का जोर लगाकर भाजपा प्रत्याशी संगीता तिवारी को महापौर बना दिया। लेकिन भाजपा के गढ़ माने जाने वाले सागर विधानसभा क्षेत्र में कांटे की टक्कर ने कांग्रेसियों का मनोबल बढ़ा दिया है और ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से विधानसभा चुनाव में सुनील जैन का प्रत्याशी बनना लगभग तय है। ऐसे में भाजपा के टिकट की घोषणा यदि कांग्रेस का टिकट घोषित होने के बाद हुई तो शैलेंद्र का गणित गड़बड़ा सकता है।

टिकट मिला तो चौथी बार विधायक बनने का इतिहास रचेंगे शैलेंद्र

वहीं, दूसरा फैक्टर तीन बार से ज्यादा मौका न मिलने का भी है। सागर विधानसभा में शैलेंद्र जैन से पहले सुधा जैन 1993 से 2008 तक सागर विधायक रहीं। उन्हें भाजपा ने तीन बार विधायक बनने का मौका दिया, लेकिन चौथी बार टिकट शैलेंद्र को मिला। अब शैलेंद्र भी 2008 से अब तक तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं। यदि इन्हें टिकट मिला तो जीतने के बाद चौथी बार विधायक बनकर सागर विधानसभा सीट का इतिहास बदल सकते हैं। क्योंकि पिछले चुनावों से तुलना करें तो शैलेंद्र जैन के वोट प्रतिशत में महज 2 फीसदी का अंतर आया है। 2008 में जहां उन्हें 53 फीसदी वोट मिले थे। वहीं 2013 में घटकर 52 फीसदी हुए और 2018 में फिर एक प्रतिशत की गिरावट आई। 2018 के चुनाव में शैलेंद्र जैन का वोट प्रतिशत 51 फीसदी रहा।

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1985 से अब तक जैन प्रत्याशी ही विधायक

सागर विधानसभा सीट का एक गणित जैन प्रत्याशी भी है। 1985 से अब तक लगातार सागर में जैन प्रत्याशी को ही विधायक चुना जा रहा है। 1985 में सबसे पहले कांग्रेस के प्रकाश मोतीलाल जैन विधायक बने, जो 1990 में भी जीते। लेकिन इसके बाद 1993 में इन्हें भाजपा प्रत्याशी सुधा जैन से महज 669 वोटो की हार मिली। इसके बाद सुधा जैन और फिर शैलेंद्र जैन तीन-तीन बार विधायक चुने गए। जबकि सागर में जैन समाज के वोटर लगभग 22 हजार हैं और ब्राह्मण 31 हजार। इसके अलावा ओबीसी मतदाता 45 हजार से अधिक और एससी व एसटी मतदाता 78 हजार से ज्यादा हैं। लेकिन इसके बावजूद भी इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस पार्टी केवल जैन पर ही भरोसा जताती हैं।

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2018 के परिणाम पर एक नजर

भाजपा प्रत्याशी शैलेंद्र जैन ने कांग्रेस प्रत्याशी नेवी जैन को 17366 वोटों के अंतर से हराया था। जिसमें शैलेंद्र जैन को 67227 और नेवी जैन को 49861 वोट मिले थे।
रिपोर्टर- श्रीकांत त्रिपाठी

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