मरीजों को ना हो परेशानी, खुद की सैलरी से बदल दिया अस्पताल का नक्शा

अनुज गौतम/सागर. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में पदस्थ एक डॉक्टर के द्वारा बेहद ही सराहनीय पहल की गई है, जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है. चेस्ट विभाग के एचओडी डॉक्टर ताल्हा शाद ने खुद की तनख्वाह के रुपए से वार्ड का रिनोवेशन कराया है ताकि यहां पर इलाज करने आने वाले गरीब वर्ग के मरीजों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े.

डॉक्टर का कहना है कि अस्पताल में इलाज तो सभी करते हैं, लेकिन जो भी मरीज अपना इलाज कराने आता है.  अगर उसे वार्ड में भर्ती किया जाता है तो वह शरीर के साथ मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना चाहिए. ऐसा केवल दावों से नहीं होता है इसके लिए जहां की व्यवस्थाओं पर भी निर्भर करता है. इसलिए मेरी कोशिश है कि कोई भी पेशेंट सरकारी अस्पताल में पहुंचता है तो उसे इस चीज का एहसास नहीं होना चाहिए, उसे लगे कि वह किसी अच्छी जगह पर अपना उपचार करने के लिए आया है.

अपने सैलरी से वार्ड का कराया रिनोवेशन
डॉक्टर ताल्हा बताते है इस वार्ड का चार्ज संभालने के साथ सबसे पहले वार्ड के रिनोवेशन का काम कराया है. सबसे पहले फर्श के टाइल्स ठीक कराए गए, दीवारों में जो सीलन आ गई थी उन में रिपेयरिंग कर पुटी-पेंट करवाया गया है. पंखे जो खराब हो गए थे उनमें सुधार कर करवाया है. खिड़कियों के कांच ठीक करवाई साफ सफाई करवाई और पर्दे भी डलवाए गए हैं. इस वार्ड की बाथरूम में जो नल चौक हो गए थे सीटे खराब हो गई थी उनकी प्लंबिंग का कार्य कराया गया जो दरवाजे क्षतिग्रस्त हो गए थे उन सभी को ठीक कराया गया. वहीं, इसके अलावा उन्होंने ओपीडी के कक्ष में भी एलइडी टीवी की व्यवस्था एक की व्यवस्था बैठने के लिए चेयर और टेबल की व्यवस्था, शो के लिए बड़े-बड़े गमले में पौधे भी लगाकर ओपीडी में रखे गए हैं. डॉक्टर साहब ने पिछले कुछ ही महीना में 3 लाख से अधिक का खर्च यहां पर कर चुके हैं.

खुद की जेब से आईसीयू भी तैयार करेंगे
टीवी और चेस्ट विभाग के प्राध्यापक और विभाग अध्यक्ष डॉक्टर ताल्हा शाद बताते हैं कि जब कोई मरीज भर्ती होता है और इस तरह की व्यवस्था देखता है तो वह मानसिक रूप से अच्छा महसूस नहीं करता है. जिसकी वजह से जब कोई इलाज करता है तो उसे ठीक होने में समय लगता है. लेकिन जब वह सरकारी अस्पताल में भी भर्ती हो और उसे ऐसा लगे कि वह अच्छा हॉस्पिटल में है तो वह दुगनी रफ़्तार से ठीक होता है. इसलिए उन्होंने यहां पर फर्नीचर डेंटिंग पेंटिंग से लेकर जो भी कम था वह सब कराया है. और इसके बाद अब वह सेपरेट आईसीयू बनाने के लिए काम करेंगे जो भी खुद के ही पॉकेट से खर्च करेंगे.

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