मराठा आरक्षण: शरद पवार की मांग, रिजर्वेशन कोटा को 50% से और बढ़ाया जाए

जलगांव (महाराष्ट्र). राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पर जारी चर्चा के बीच मंगलवार को मांग की कि केंद्र सरकार आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाए और इसे 15-16 प्रतिशत तक बढ़ा दे ताकि अन्य समुदाय को इसमें शामिल किए जा सकें. राकांपा प्रमुख ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अगर केंद्र महिला आरक्षण पर विधेयक लाता है, तो उनकी पार्टी इसका समर्थन करेगी. सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है.

महाराष्ट्र में मराठा समुदाय सरकारी नौकरियों तथा शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा है. पवार ने मराठाओं को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए मौजूदा आरक्षण में ही जगह देने की कुछ नेताओं की मांग से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा, ‘कुछ लोगों का कहना है कि और लोगों (समुदायों) को ओबीसी आरक्षण का लाभार्थी बनाना ओबीसी आरक्षण के गरीब लोगों के साथ अन्याय है. इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.’

उन्होंने कहा, ‘हमारे पास संसद में केंद्र द्वारा आरक्षण की मौजूदा 50 फीसदी सीमा में संशोधन किए जाने और इसे 15-16 प्रतिशत तक बढ़ाने का विकल्प है.’ पवार ने कहा कि ओबीसी तथा अन्य समुदायों के बीच कोई फर्क नहीं होना चाहिए. महाराष्ट्र के कई हिस्सों में सूखे जैसी स्थिति पर पवार ने कहा कि सरकार को मवेशियों के लिए चारा, पेयजल उपलब्ध कराने, फसलों को बचाने के लिए कदम उठाने, किसानों को आर्थिक सहायता तथा सभी प्रकार के राज्य कर निलंबित करने जैसे कुछ कदम उठाने की जरूरत है.

मराठा आरक्षण का मुद्दा गत सप्ताह तब फिर चर्चा में आया जब पुलिस ने जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में हिंसक भीड़ पर लाठीचार्ज किया और लोगों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल कर रहे एक व्यक्ति को कथित तौर पर अस्पताल में भर्ती कराने नहीं दिया जिसके बाद यह हिंसा हुई. जालना में हुई हिंसा में 40 पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए और राज्य परिवहन की 15 से अधिक बस फूंक दी गईं.

पवार ने मांग की कि सरकार यह स्पष्ट करे कि प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने का आदेश किसने जारी किया. राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन के सभी दलों के प्रमुखों की बुधवार को एक बैठक बुलाई है. यह गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विभिन्न मोर्चों पर एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने के उद्देश्य से बनाया गया है.

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव पर पवार ने कहा कि केंद्र ने इस मुद्दे का अध्ययन करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है, लेकिन इसमें विपक्ष के नेता को शामिल नहीं किया गया है. पवार ने कहा, ‘मैंने पिछले वर्षों में सरकार को किसी पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में कोई समिति बनाते नहीं देखा है. अगर सरकार इसे लेकर गंभीर है तो विपक्ष के नेता को समिति में शामिल करना होगा.’

भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र ने पिछले हफ्ते लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे की पड़ताल और सिफारिशें करने के लिए आठ सदस्यीय समिति की घोषणा की थी. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली इस समिति में गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद और वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह सदस्य होंगे.

चौधरी ने समिति का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है. पवार ने कहा, ‘आज, मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं, लेकिन उन्हें समिति में शामिल नहीं किया गया. लोकसभा में पार्टी के नेता (चौधरी) को समिति में शामिल किया गया है. यह देश को परेशान करने वाले मुद्दों से ध्यान भटकाने का एक प्रयास है.’

Tags: Maratha Reservation, Sharad pawar

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