मध्यप्रदेश के इंदौर में है दुर्लभ प्रजाति की गाय, शास्त्रों में है इसका वर्णन, ये है कीमत

अभिलाष मिश्रा/ इंदौर. इंदौर के सत्यनारायण शर्मा के पास दुर्लभ किस्म की गाय है. जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. बता दें की यह गाय पुंगनूर प्रजाति की है. सत्यनारायण शर्मा का कहना है की यह गाय पूरे मध्यप्रदेश में केवल उनके ही पास है. पुंगनूर प्रजाति की यह गाय सत्यनारायण शर्मा आंध्रप्रदेश से लेकर आए है. अब भारत में इस नस्ल की गाय केवल 800 संख्या ही रह गई है.

वेदलक्षणा मानी जाती है यह दुर्लभ गाय
सत्यनारायण ने बताया की इस गाय को शास्त्रों में वेदलक्षणा गाय कहा गया है. जिसकी काफी महिमा बताई गई है. उन्होंने बताया की ये वही कृष्ण कालीन गाय है जिसे भगवान कृष्ण बेहद स्नेह करते हैं. उन्होंने बताया की इस गाय की ऊंचाई बेहद कम होती है और यह देखने में बेहद सुन्दर लगती है. हमारे धार्मिक ग्रंथों में भी इस गाय की महिमा का उल्लेख मिलता है.

बता दें की इंदौर के सत्यनारायण शर्मा उर्फ सत्तू पहलवान पेशे से दूध व्यापारी हैं. जिनके पास बहुत सारी गाय हैं. पर पुंगनूर नस्ल की गाय को उन्होंने अलग से देख-रेख में रखा है. सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के गंगनूर से वे पुंगनूर गाय का जोड़ा लेकर इंदौर आए हैं. उन्होंने बताया कि इस गाय के गोमूत्र का सेवन करके उनकी शुगर की बीमारी ठीक हो गई.

तीन फीट होती है ऊंचाई
उन्होंने बताया कि यह तीन फीट हाइट वाली यह दुनिया की सबसे छोटी वेदलक्षण गाय है. उन्होंने बताया कि पुंगनूर प्रजाति की गाय मध्यप्रदेश आने वाली संभवत: पहली गाय है. दूध व्यापारी सत्तू शर्मा इसे आंध्र प्रदेश से इंदौर लेकर आए हैं. जिसे लाने की कहानी भी दिलचस्प है.यह दुनिया की सबसे छोटी गाय में शुमार है. ये जोड़ा 1800 किलोमीटर का सफर करके 8 दिन में इंदौर लाया गया है. बता दें की इस नस्ल के गायों की कीमत लाखों में होती हैं. बहरहाल यह गाय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

आंध्र प्रदेश से लाए हैं दुर्लभ गाय
उन्होंने बताया कि साल भर पहले की ही बात है जब गाय को लेने के लिए हम अपने निजी वाहन से गए हुए थे.उम्मीद थी कि यह गाय हमें मिल जाएगी. हमने प्रयास किया और जब हमें पता चला कि यहगाय हमें मिल जाएगी तो हमने आंध्रप्रदेश में ही एक नया पिकअप खरीदा और उस पिकअप से गाय को लेकर आए.उन्होंने बताया की भगवान तिरूपति बालाजी का अभिषेक और प्रसाद इसी नस्ल की गाय के दूध से होता रहा है. ये देश में विलुप्त होती नस्लों में शामिल पुंगनूर गाय का जोड़ा है.

Tags: Local18, Madhya pradesh news

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