गाजियाबाद4 घंटे पहले
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दो जून 2016 को जवाहर बाग के कब्जाधारियों ने पुलिस पर हमला बोल दिया था। इस दौरान हिंसा हुई थी।
मथुरा के जवाहर बाग कांड में CBI ने मंगलवार को गाजियाबाद की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसमें रामवृक्ष यादव के सहयोगी चंदन बोस समेत 90 लोगों को आरोपी बनाया गया है। अभी तक केस की सुनवाई मथुरा की अदालत में चल रही थी, लेकिन अब चार्जशीट दायर होने के बाद मथुरा कोर्ट से ये सारी फाइलें CBI कोर्ट गाजियाबाद को ट्रांसफर किए जाने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि चार्जशीट पर कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद जल्द ही ये केस ट्रायल पर आ सकता है।

मथुरा का जवाहर बाग पार्क करीब 270 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है।
दो पुलिस अफसर शहीद, 29 लोग मारे गए थे
बता दें कि 2 जून 2016 को जवाहर बाग में कब्जा हटवाने गई पुलिस और वहां मौजूद लोगों की भिड़ंत हो गई। इस हिंसा में मथुरा के तत्कालीन SP सिटी मुकुल द्विवेदी और इंस्पेक्टर संतोष यादव शहीद हो गए थे। वहीं गोलीबारी में 29 लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी। मथुरा में इस संबंध में कुल 12 मुकदमे दर्ज हुए थे। साल-2017 में शासन के आदेश पर इस केस की जांच सीबीआई को ट्रांसफर हुई थी।
दो दिन की इजाजत लेकर घेर ली थी 270 एकड़ जमीन
मथुरा में जवाहर बाग एक जगह का नाम है। इस पर रामवृक्ष यादव नामक व्यक्ति का कब्जा था। वो 15 मार्च 2014 में करीब 200 लोगों के साथ यहां पर रहने आया था। प्रशासन ने उसने दो दिन रहने की इजाजत ली और फिर उसके बाद इस जमीन पर काबिज होकर बैठ गया। ये बाग करीब 270 एकड़ जमीन पर फैला है। रामवृक्ष ने इस जमीन पर आटा चक्की मिल, राशन की दुकानें, सब्जी मंडी और अन्य दुकानें तक खुलवा ली थीं।
साल-2016 में कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि वो इस जमीन को तीन दिन में खाली कराए। पुलिस जब 2 जून 2016 को जवाहर बाग खाली कराने पहुंची तो निपटने के लिए रामवृक्ष ने भारी संख्या में हमलावर और हथियार जुटा लिए थे। कब्जा हटाने के लिए पुलिस आगे बढ़ी तो बाग में रहने वाले लोगों ने हमला कर दिया था। आगजनी हुई, गोलियां चली, पत्थर बरसाए गए। इस हिंसक झड़प में जहां दो पुलिस अफसर शहीद हुए, वहीं रामवृक्ष यादव भी मारा गया था।