पटना. भारत का नाम इंडिया रहेगा या फिर भारत इस बात पर पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है. एनडीए और इंडिया गठबंधन के लोग भी आमने-सामने हैं. बिहार में भी इस ज्वलंत मुद्दे पर खूब राजनीति हो रही है . बीजेपी ने कह दिया कि आजादी के बाद गुलामी की सभी निशानियां को मिटा देना चाहिए तो जेडीयू ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि संविधान में देश के लिए इंडिया और भारत दोनों का इस्तेमाल किया गया है.
भारत और इंडिया के मामले में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि आजादी के बाद ही सभी गुलामी के निशाने को मिटा देना चाहिए था. यह भारत के सांस्कृतिक उत्थान का वर्ष है. INDIA क्या भारत के सनातन धर्म को खत्म करने के लिए बना है. कांग्रेस पर हमला करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि जिसने भारत की धज्जियां उड़ाई आपातकाल लगाया, उसकी क्या बात करनी. कांग्रेस ने भारत की संस्कृति से खिलवाड़ किया और तुष्टिकरण की राजनीति की. देश-देश की जनता चाहती है कि भारत का उत्थान हो.
सनातन धर्म पर टिप्पणी करने वालों को देश से माफी मांगनी होगी. साथी विशेष सत्र पर गिरिराज सिंह ने कहा विशेष सत्र विशेष ही होना चाहिए. इंडिया और भारत के विवाद पर बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि यह कोई विवाद है ही नहीं. इंडिया ही भारत है, इसमें विवाद पैदा करने की कोशिश की जा रही है. संविधान के पहले अनुच्छेद में है कि इंडिया जिसको भारत कहते हैं यह राज्यों का संघ होगा. जब दोनों शब्दों को हम लोगों ने संविधान में स्वीकार किया है तो इस पर विवाद क्यों.
भाजपा को संविधान सम्मत बातें अच्छी नहीं लगती हैं .विपक्षी दलों के संगठन का नाम INDIA पड़ गया है जिसके कारण इन्हें इंडिया नाम से ही परेशानी हो रही है. सनातन धर्म पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पुत्र उदयनिधि स्टालिन का बयान आने के बाद पूरे देश में हो रही सियासत पर वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि किसी के समर्थन करने आए सनातन धर्म का विरोध करने से यह धर्म खत्म नहीं होगा. यह विवाद अनावश्यक है. किसी के चाहने से सनातन धर्म मिटने वाला नहीं है. कोई धर्म आज तक नहीं मिटा है भाजपा का मुद्दा वहीं है इसलिए इन मामलों को उठाकर राजनीति करती है
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FIRST PUBLISHED : September 05, 2023, 17:56 IST