भारतीय महिला हॉकी टीम ने गत चैम्पियन जापान को हराकर कांस्य जीता

भारतीय महिला हॉकी टीम ने सेमीफाइनल हारने के दो दिन बाद ही जबर्दस्त जुझारूपन के साथ वापसी करते हुए जापान को 2 . 1 से हराकर एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत लिया।
हूटर के साथ ही मैदान पर अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख सकीं कोच यानेके शॉपमैन और उल्लास में उछलती खिलाड़ियों को देखकर जाहिर हो गया कि इस कांसे के टीम के लिये क्या मायने हैं।

सेमीफाइनल में चीन से 0 . 4 से हारने के साथ पेरिस ओलंपिक के लिये सीधे क्वालीफाई करने की भारत की उम्मीदें ध्वस्त हो गई थी। इसके बावजूद टीम ने जापान की चुनौती का डटकर सामना करते हुए कांस्य पदक का मुकाबला जीता।
भारतीय टीम ने इस तरह से पिछले एशियाई खेलों के फाइनल में जापान से मिली 0-1 की हार का बदला भी पूरा किया।

तोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही भारतीय टीम के लिए दीपिका ने पांचवें और सुशीला चानू ने 50वें मिनट में गोल दागे जबकि जापान के लिये यूरी नागाई ने मैच के 30वें मिनट में एकमात्र गोल किया।
भारतीय टीम ने मैच की शुरुआत बेखौफ खेल के साथ की जिसका फायदा उसे पांचवें मिनट में मिला। दीपिका ने पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में बदल कर टीम को शानदार शुरुआत दिलायी।
भारतीय खिलाड़ियों ने आक्रमण जारी रखा लेकिन कई पेनल्टी कॉर्नर हासिल किये। टीम हालांकि इसे गोल में बदलने में संघर्ष कर रही थी।

जापान ने भी जवाबी हमले किसे लेकिन सविता पूनिया की टीम का रक्षण शानदार था।
दूसरे क्वार्टर में दोनों टीमों ने गेंद को अपने कब्जे में अधिक समय तक रखने की कोशिश की और इस दौरान दोनें टीमें एक दूसरे के सर्किल में पहुंचने में सफल रही।
मध्यांतर से ठीक पहले कप्तान नागाई ने पेनल्टी कार्नर का गोल में बदल कर स्कोर 1-1 कर दिया।
मध्यांतर के बाद छोर बदला लेकिन दोनों टीमों के खेल में ज्यादा बदलाव नहीं दिखा।

मिडफील्ड में खिलाड़ियों के बीच शह-मात का खेल चलता रहा। दोनों टीमों ने कुछ मौके बनाये लेकिन उसे भुनाने में नाकाम रहे।
आखिरी क्वार्टर में भारतीय टीम ने पूरा दमखम लगाया। टीम को इसका फायदा पेनल्टी कॉर्नर के साथ मिला।
इस दौरान उपकप्तान दीप ग्रेस एक्का की फ्लिक पर जापान की गोलकीपर एलिका नाकामुरा ने शानदार बचाव किया। इसके बाद रिबाउंड पर वैष्णवी विट्ठल फालके गोल करने से चूक गयी।

भारतीय अग्रिम पंक्ति ने जापान पर दबाव बनाना जारी रखा। टीम को 50वें मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला। सुशीला ने  दीप से पास मिलने पर जापान की गोलकीपर को छकाते हुए गोल कर भारत को बढ़त दिला दी।
भारतीयों ने इसके बाद कुछ और पेनल्टी कॉर्नर हासिल किये लेकिन टीम उसे गोल में नहीं बदल सकी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है। 

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *