अनूप पासवान/कोरबा. रक्षाबंधन का पर्व तो समाप्त हो गया, लेकिन इसे लेकर अब सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म है. कुछ लोगों ने सोशल साइ्टस पर अफवाह फैला दी कि भद्रा काल में जिन भाइयों ने राखी बंधवाई है, उनकी मृत्यु हो जाएगी या फिर उन्हें गंभीर बीमारी जकड़ लेगी. हालांकि, पंडितों ने इस अफवाह को खारिज करते हुए कहा कि अशुभ मुहूर्त में राखी पहनने से ऐसा कुछ नहीं होता.
शुभ मुहूर्त नहीं होने के कारण इस बार रक्षाबंधन का पर्व दो दिन मनाया गया. वैसे तो 30 अगस्त को राखी का पर्व मनाया जाना था, लेकिन रात नौ बजे तक भद्रा काल होने के कारण अधिकतर लोगों ने 31 अगस्त को यह पर्व मनाया. वहीं कुछ लोगों ने मजबूरी वश या किन्हीं अन्य कारणों से भद्रा काल में राखी का पर्व मनाया, जिसके बाद सोशल मीडिया में अफवाहों का बाजार गर्म हो गया, जिससे लोगों में भय की स्थिति बन गई है.
इतना बुरा नहीं होता प्रभाव
कुछ लोगों का कहना था कि अशुभ काल में राखी बंधवाने से भाइयों की या तो मौत हो जाएगी या फिर वे किसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाएंगे. इस संबंध में कोरबा के पं. अमरनाथ द्विवेदी ने बताया कि वैसे तो भद्रा काल में कोई काम नहीं करना चाहिए. हालांकि, किसी से ऐसा काम हो भी गया तो उसका इतना बुरा प्रभाव नहीं पड़ता.
अफवाहों पर न दें ध्यान
आगे बताया कि हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का काफी महत्व है. लोग कोई भी कार्य शुभ मुहूर्त में ही करना पसंद करते हैं. हालांकि, कई बार विषम परिस्थितियां निर्मित हो जाती हैं, जिसके कारण अशुभ मुहूर्त में कार्य संपादित करने पड़ते हैं, जिसके बुरे परिणाम सामने भी आते हैं. हालांकि, कई बार लोग मुहूर्त को लेकर अफवाह भी फैला देते हैं जिससे लोग डर जाते हैं. ऐसा ही कुछ रक्षाबंधन को लेकर भी हुआ, लेकिन ऐसी अफवाहों से डरने की जरूरत नहीं.
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FIRST PUBLISHED : September 02, 2023, 15:27 IST