रीवा. अक्सर लोग खुशी के मौके को यादगार बनाने की सोचते हैं, लेकिन कभी-कभी दुख का पल भी यादगार बन जाता है. कुछ ऐसा ही मध्य प्रदेश के रीवा में भी हुआ. यहां एक बेटे ने अपनी पिता को काफी अनोखे तरीके से अंतिम विदाई दी. पिता का साथ तो हमेशा के लिए छूट गया, लेकिन अब गांव का हर एक शख्स उन्हें याद करता रहेगा.
रीवा जिले के त्यौथर क्षेत्र से अजब -गजब ढंग से एक वृद्ध को दी गई अंतिम विदाई चर्चा का विषय बन गई है. बुंदेलखंड का पारंपरिक लोकगीत फाग के शौकीन वृद्ध की मौत पर उनके बेटे सहित ग्रामीणों ने अनोखे अंदाज में अंतिम विदाई दी. अंतिम दर्शन से लेकर शमसान घाट में मुखाग्नि तक के दौरान ग्रामीणों ने उनके कला को याद किया और खुशी-खुशी फाग गाकर अंतिम विदाई दी.
फाग गीत गाकर दी गई अंतिम विदाई
दरअसल, त्यौथर क्षेत्र के झोटियां गांव निवासी राम प्रताप सिंह की शुक्रवार को हृदय घात से मौत हो गई थी. मृतक रामप्रताप सिंह बघेलखंड के लोक गीत फाग के परांगत गायक थे. दूर-दूर जाकर इस गीत को वो गाया करते थे. पूरे जिले में रामप्रताप सिंह नाम का काफी फेमस था.
84 साल के रामप्रताप सिंह की मौत से उनका परिवार गम में जरूर था, मगर अंतिम विदाई खुशी-खुशी दी. आस पास के लोग बड़ी संख्या में उनके अंतिम दर्शन को लिए पहुंचे. उन्हें अंतिम विदाई अनोखे अंदाज में दी गई. फगुआ गाने के शौकीन मृतक रामप्रताप सिंह बघेल को फाग गाकर अंतिम सलामी दी गई. अंतिम दर्शन से लेकर शमशान में मुखाग्नि तक फाग गीत गाया गया. अब इसका वीडियो सोशल मीडिया में काफी वायरल हो रहा है.
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FIRST PUBLISHED : October 7, 2023, 10:19 IST