बिहार विधानसभा की कुढनी सीट पर उपचुनाव में 58 प्रतिशत मतदान, भाजपा और जदयू ने ठोका जीत का दावा

बिहार विधानसभा की कुढनी सीट पर उपचुनाव के लिए सोमवार को करीब 58 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। कुढनी सीट पर आज सुबह सात बजे शुरू हुए मतदान के दौरान शुरूआत में तेजी दिखी और दोपहर एक बजे तक 3.11 लाख मतदाताओं में से 37 प्रतिशत ने अपने वोट डाल दिए थे।

बिहार विधानसभा की कुढनी सीट पर उपचुनाव के लिए सोमवार को करीब 58 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
कुढनी सीट पर आज सुबह सात बजे शुरू हुए मतदान के दौरान शुरूआत में तेजी दिखी और दोपहर एक बजे तक 3.11 लाख मतदाताओं में से 37 प्रतिशत ने अपने वोट डाल दिए थे। यह सिलसिला अपराह्न तीन बजे तक जारी रहा जब मतदान 48 प्रतिशत था। हालांकि, अंतिम तीन घंटों में धीमी गति से मतदान हुआ।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी एच आर श्रीनिवास ने संवाददाताओं को बताया कि शाम पांच बजे तक 53 प्रतिशत मतदान हुआ और एक घंटे बाद मतदान समाप्त होने तक यह आंकड़ा 57.90 प्रतिशत पहुंच गया।
उन्होंने कहा कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान इस निर्वाचन क्षेत्र में 64.19 प्रतिशत मतदान हुआ था।

कुढनी सीट पर उपचुनाव राजद विधायक अनिल सहनी की अयोग्यता के बाद जरूरी हो गया था जिन्हें सीबीआई द्वारा जांच किए गए धोखाधड़ी के एक मामले में दोषी ठहराया गया था और तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
श्रीनिवास ने कहा कि उपचुनाव के दौरान कहीं से भी किसी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली और मतदान के दौरान कुल 15 छिटपुट शिकायतें मिलीं जिनका तुरंत समाधान किया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि मतदान में 446 बैलेट यूनिट और 476 वीवीपीएटी मशीनों का इस्तेमाल किया गया। कुल 119 मतदाताओं ने डाक मतपत्रों से मतदान किया।
इस विधानसभा सीट से कुल 13 उम्मीदवार मैदान में थे जिनमें से पांच निर्दलीय थे।

हालांकि, मुकाबला मुख्य रूप से भाजपा के केदार गुप्ता और जदयू के मनोज सिंह कुशवाहा के बीच देखा जा रहा है। दोनों पूर्व विधायक हैं।
गुप्ता 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव जिसे भाजपा और जदयू ने गठबंधन में लड़ा था, में सहनी से 700 से कम मतों से हार गए थे।
अब जदयू प्रदेश में सत्ताधारी सात दलों के महागठबंधन का हिस्सा है जिसमें राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल शामिल हैं।
भाजपा और जदयू दोनों ने भविष्यवाणी की है कि उनका उम्मीदवार स्पष्ट विजेता होगा।
भाजपा के के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार ने 2014 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था जब उन्होंने लोकसभा चुनावों में जदयू की हार के लिए नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार कर ली थी।

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आशा है कि जब कुढनी के नतीजे आएंगे तो वह भी ऐसा ही करेंगे।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कुढनी में महागठबंधन द्वारा सत्ता का खुला दुरुपयोग किया गया। प्रदेश में शराबबंदी कानून के बावजूद पैसे उड़ाए गए और शराब खुलेआम बांटी गई। प्रशासन ने आंखें मूंद लीं लेकिन लोगों ने सत्ताधारी गठबंधन को नकार दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, ‘‘हमें अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। उपचुनाव के बाद मैं कह सकता हूं कि इसमें हमारा प्रदर्शन हमारी उम्मीदों से कहीं बढ़कर होने वाला है। हम भारी मतों से जीतने जा रहे हैं।
उन्होंने सुशील मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके जैसे लोग कुछ दिन के लिए खुद को खुश कर सकते हैं, जब तक नतीजे और हकीकत सामने नहीं आ जाती।

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