चितरंजन नेरकर
बालाघाट की कुछ जागरूकमहिलाएं अब सिर्फ घर की रसोई तक सीमित नहीं रही हैं, अब वे स्वरोजगार व आत्मनिर्भर बनने की ओर अपने कदम बढ़ा चुकी है. परसवाड़ा के कुम्मन गांव की रहने वाली ऐसी 15 महिलाएं है जो एक समूह बनाकर किसानों से फसल खरीदकर बाजार में बेच रही हैं, इससे उन्हें आय का एक नया जरिया मिला है.
उन्नति प्रोड्यूसर ग्रुप की महिलाएं पिछले एक साल सेगांव-गांव जाकर किसानों से उनकी उपज खरीद रही है साथ ही उन्हें नकद भुगतान भी कर रही है जिससे किसानों को भी तुरंत लाभ मिल पा रहा है. ये महिलाएंकिसानों की सीजनवार फसलें जैसे महुआ, धान, राई, चना, गुल्ली खरीदकर बाजार मेंबेचने का काम कर रही हैं, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो जाती है.आय का कुछ हिस्सा वे अपने इस समूह में जमा करती है और जब किसी समूह की महिलाओं पैसे की जरूरत पड़ती है तो उन्हें इसी समूह के माध्यम से दिया जाता है.
आपके शहर से (बालाघाट)
शुरुआत में मिली डेढ़ लाख की मदद
महिलाओं के इस समूह को राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक परिवर्तन परियोजना (NRETP) के तहत 1.5 लाख रुपए की राशि मिली, जिससे वह इस राशि से व्यापार शुरू कर सकें. इसी राशि से इनमहिलाओं ने किसानों से उचित दामों पर फसल खरीदी. अब मुनाफा बढ़ता जा रहा है.योजना के तहतउन्हें 50 हजार रुपए के उपकरण भी दिए गए,जैसे नाप तौल के लिए कांटा, रजिस्टर, धान मीटर..समूह को मिली इस राशि को उन्हें एक साल बाद 5% ब्याज पर उन्हें राशि वापस करनी पड़ती है.
परसवाड़ा क्षेत्र के आजीविका मिशन की ब्लाक समन्वयक और फॉरवर्ड लिंकेज मीरा पटेल के साथ हीकुमन्न गांव की रहने वाली समूह की महिला शांता ने ने बताया कि हमारे उन्नति प्रोड्यूसर ग्रुप में 15 महिलाएं है जो किसानों से सीजनवार उचित दामों पर उत्पाद खरीदती है और फिर हम उन उत्पादों को बाजारों में बेचते है. इससे मिलने वाली आय से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है.
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Tags: Madhya pradesh news
FIRST PUBLISHED : December 05, 2022, 15:50 IST