आशीष शर्मा/यमुनानगर. हरियाणा के उत्तरी छोर पर बसे यमुनानगर जिले को जहां प्रदेश का सबसे हरा-भरा और ठंडा इलाका माना जाता है. तो वहीं यहां पर बहने वाली 2 बरसाती नदियां सोना भी उगलती हैं. सुनने में तो यह अजीब लग सकता है मगर यह एकदम सच है. यमुनानगर जिले से बहने वाली पथराला और सोम नदियों से सोना निकलता है. इन नदियों से सैंकड़ों लोग सोना निकालकर जहां सरकार को राजस्व पहुंचाते हैं तो वहीं इससे वह अपने परिवार को भी पाल रहे हैं. हर साल इन नदियों से सोना निकालने के लिए सरकार टेंडर भी जारी करती है जिससे सरकार को भी राजस्व प्राप्त होता है
“मेरे देश की धरती सोना उगले,उगले हीरे मोती” एक हिन्दी फिल्म का यह गाना हरियाणा के यमुनानगर जिले में बिल्कुल सटीक बैठ रहा है. जी हां,हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों की गोद से निकलकर पथराला और सोम नामक दो नदियां सदियों से इन दिनों सोना उगलना शुरू कर देती है.
पारखी नजरों की होती है जरूरत
दरअसल यह बरसाती नदियां हैं और जब पहाड़ों पर अधिक बारिश होती है तो इन दोनों नदियों के रास्ते से पानी यमुना में उतरता है. यह भी किसी करिश्मे से कम नहीं की ये नदियां अपने साथ सोने के बारीक कणों को भी बहाकर लाती हैं.इन नदियों में बहकर आने वाले सोने के बारीक कण मिट्टी में इतने घुलमिल जाते है कि उनकी पहचान करने के लिए पारखी नजरों की जरूरत होती है.
नदी से सोना निकालना नहीं है आसान
गांव मानकपुर के लोग पिछली कई पीढ़ियां से नदियों से सोना निकालने का काम करते आ रहे हैं. ऐसे ही एक जरनैल सिंह नामक शख्स हमें भी मिले जो लकड़ी की जाली और एक अनोखे औज़ार की मदद से नदी की मिट्टी से सोने के कण छान रहे थे.जरनैल सिंह ने बताया कि दिनभर काम करने के बाद वह कभी 500 तो कभी 1000 रुपए कीमत तक का सोना निकाल पाते है. ऐसे ही एक और शख्स ऋषिपाल से बात हुई तो उन्होंने बताया कि यह काम आसान नही है. सोना काले या लाल रंग के कणों के आकार में होता है जिसे केवल पारखी नज़रे ही पहचान पाती हैं.कई बार तो उन्हें खाली हाथ भी घर वापिस लौटना पड़ता है.
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FIRST PUBLISHED : September 02, 2023, 20:27 IST