प्रधानमंत्री के 2047 के दृष्टिकोण पर थरूर ने कहा : महाशक्ति बनने के बारे में बोलना जल्दबाजी होगी

साक्षात्कार में अपनी टिप्पणी में, मोदी ने कहा कि लंबे समय तक, भारत को ‘‘एक अरब से अधिक भूखे पेटों वाले देश’’ के रूप में माना जाता था। मोदी ने कहा, ‘‘लेकिन अब, भारत को एक अरब से अधिक महत्वाकांक्षी मस्तिष्क, दो अरब से अधिक कुशल हाथों और करोड़ों युवाओं के देश के रूप में देखा जा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘2047 तक की अवधि एक बहुत बड़ा अवसर है।

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने रविवार को कहा कि जब देश ‘‘कठिन समय’’ से गुजर रहा है तो सुदूर भविष्य की कल्पना करना थोड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है और इस बात पर जोर दिया कि अभी महाशक्ति के बारे में ‘‘बोलना जल्दबाजी होगा क्योंकि हमारे बहुत से लोग अब भी अत्यंत गरीब हैं।’’
थरूर का यह बयान ऐसे वक्त आया जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि 2047 तक हमारा देश विकसित देशों में शुमार होगा। हमारे गरीब पूर्ण रूप से गरीबी के खिलाफ लड़ाई जीतेंगे। स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र के बदलाव दुनियाभर में सबसे अच्छे होंगे। भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता का हमारे राष्ट्रीय जीवन में कोई स्थान नहीं होगा।’’

प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण 2047 पर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर ने कहा, ‘‘महाशक्ति होने के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी क्योंकि हमारे बहुत से लोग अब भी बेहद गरीब हैं। हमें अभी पहले गरीबों, हाशिए पर रहने वाले लोगों की वास्तविक समस्याओं का समाधान करना होगा।’’
तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कोट्टायम में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘देश अब तेज महंगाई, कम रोजगार के मामले में कठिन समय से गुजर रहा है। वास्तव में बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर है और अगर लोगों के पास नौकरियां नहीं हैं तो वे अपनी सभी आवश्यक वस्तुओं के लिए उच्च कीमतें कैसे वहन कर सकते हैं। इन परिस्थितियों में अब से 25 साल बाद के सुदूर भविष्य की कल्पना करना थोड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हम आज के लोगों के लिए क्या कर सकते हैं।
साक्षात्कार में अपनी टिप्पणी में, मोदी ने कहा कि लंबे समय तक, भारत को ‘‘एक अरब से अधिक भूखे पेटों वाले देश’’ के रूप में माना जाता था।
मोदी ने कहा, ‘‘लेकिन अब, भारत को एक अरब से अधिक महत्वाकांक्षी मस्तिष्क, दो अरब से अधिक कुशल हाथों और करोड़ों युवाओं के देश के रूप में देखा जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2047 तक की अवधि एक बहुत बड़ा अवसर है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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