हाइलाइट्स
खूंटी और चतरा में हुए मनरेगा घोटाले को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
इस मामले में बड़ी मछलियां अब भी सरकार और कानून की जाल से दूर हैं.
पूरे मामले में अधिकारी पूजा सिंघल को क्लीन चिट दे दी गयी थी.
रांची. झारखंड में हुए मनरेगा घोटाले की धुंध अब साफ होती जा रही है. हालांकि खूंटी और चतरा में हुए इस घोटाले को लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं. दरअसल घोटाले के तालाब से छोटी मछलियां तो फंस गयीं. लेकिन कई बड़ी मछलियां अब भी सरकार और कानून की जाल से दूर हैं. पूरा मामला सामने आने के बाद पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के अधिकारियों पर भी सवाल उठने लगे हैं. राज्यभर में मनरेगा घोटाला शब्द पिछले कुछ सालों से काफी चर्चा में है. हाईकोर्ट में इस मामले की जहां सुनवाई चल रही है. वहीं ईडी भी इसकी तह तक पहुचने की कोशिश में जुटी है. लेकिन, इस मामले को सामने लाने वाले याचिकाकर्ता अरुण कुमार दूबे ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सीबीआई जांच की मांग उठायी है.
दरअसल यह पूरा मामला चतरा और खूंटी जिले से जुड़ा है, जहां साल 2007-08 में चतरा और 2009-10 के बीच खूंटी में मनरेगा घोटाले की बात सामने आयी थी. उस वक्त दोनों जिलों में बतौर उपायुक्त आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल पदस्थापित थीं और उनपर मनरेगा घोटाले का आरोप लगा था. उस समय मामला सामने के बाद इसकी जांच एसीबी को दी गयी. लेकिन, जांच में सवाल उठने पर इसकी जांच ईडी को दे दी गयी.
‘अब तक छोटे कर्मचारियों पर ही हुई कार्रवाई’
आपके शहर से (रांची)
याचिकाकर्ता अरुण कुमार दूबे ने बताया कि इस मामले में सिर्फ छोटे स्तर के कर्मचारियों पर ही अबतक कार्रवाई हुई है. जबकि बड़े अधिकारी अभी भी इससे काफी दूर हैं. अरुण कुमार दूबे ने अपनी याचिका में पूर्ववर्ती रघुवर सरकार में पदस्थापित उच्च अधिकारियों पर भी सवाल उठाये हैं. उन्होंने बताया कि पूरे मामले में अधिकारी पूजा सिंघल को क्लीन चिट दे दी गयी थी. दरअसल झारखंड हाईकोर्ट में जो दस्तावेज सौंपे गये हैं. उसके अनुसार खूंटी में पदस्थापित तत्कालीन कनीय अभियंता राम विनोद सिन्हा ने ईडी के समक्ष जो गवाही दी थी. उसके अनुसार तत्कालीन उपायुक्त के पास भी 5% पैसा घोटाले का पहुंचता था.
उच्च अधिकारियों ने पूजा सिंघल को दी थी क्लीन चिट
हालांकि दोषी कनीय अभियंता को बर्खास्त भी कर दिया गया. लेकिन उस समय जांच के दौरान तत्कालीन उच्च अधिकारियों ने पूजा सिंघल को क्लीन चिट दे दी थी. बाद में 2019 में इस पूरे मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर इसकी सीबीआई जांच की गयी. साल 2007 से 10 के बीच हुए मनरेगा घोटाले में कोर्ट को कुल 4.68 करोड़ रुपये के गबन की जानकारी दी गयी है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Jharkhand news, MNREGA, Ranchi news
FIRST PUBLISHED : November 25, 2022, 21:29 IST