पटना. गांधी जयंती के अवसर पर बिहार में जातिगत जनगणना का सर्वे रिपोर्ट जारी कर दिया गया. बिहार के मुख्य सचिव ने विवेक कुमार सिंह ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार जाति आधारित गणना पुस्तक का विमोचन किया. इस पुस्तक के माध्यम से बिहार की जातिगत गणना के आंकड़े सार्वजनिक कर दिये गए हैं. राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार बिहार में ओबीसी और ईबीसी को मिलकर पिछड़े वर्ग की आबादी 63 प्रतिशत है. वहीं जनरल की आबादी 15.52 प्रतिशत है.
बता दें, बिहार में जातीय जनगणना कराने की पहल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही की थी. नीतीश कुमार लगातार बिहार में जातिगत जनगणना कराने को लेकर बैठकें करते रहते थे. उन्होंने जातिगत जनगणना को लेकर कई बार केंद्र सरकार से भी बात की और पूरे देश में जातीय जनगणना कराने की मांग की थी. अब ऐसे में प्रदेश में जातिगत जनगणना रिपोर्ट जारी होने से आने वाले दिनों में इसका असर बिहार की सियासत में भी देखने को मिल सकता है.
बिहार में राजपूत की आबादी 3.45%, यादव 14%, भूमिहार 2.86%, ब्राह्मण 3.65% और नौनिया 1.9 फीसदी हैं.
जातिगत सर्वे के आंकड़ों के अनुसार बिहार में पिछड़ा वर्ग के 27.13 प्रतिशत, अति पिछड़ा वर्ग 36.01 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा 15.52 प्रतिशत के लोग हैं.
बिहार में जातीय जनगणना की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्राह्मण 4781280, राजपूत 4510733, कायस्थ 785771, कुर्मी 3762969, कुशवाहा 5506113, तेली 3677491 और भूमिहार 3750886 हैं.
बिहार में कुर्मी 2.87 प्रतिशत, कुशवाहा 4.27 प्रतिशत, धानुक 2.13 प्रतिशत, भूमिहार 2.89 प्रतिशत, सुनार 0.68 प्रतिशत, कुम्हार 1.04 प्रतिशत, मुसहर 3.08 प्रतिशत, बढ़ई 1.45 प्रतिशत, कायस्थ 0.60 प्रतिशत, यादव 14.26 प्रतिशत और नाई 1.59 प्रतिशत हैं.
नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कहा- आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई !
सूत्रों के अनुसार बताया जाता है कि नीतीश कुमार कि योजना है कि 2024 लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन पूरे देश में जातिगत जनगणना कराए जाने के मुद्दे को अपना प्रमुख एजेंडा बनाए. इसको लेकर वो विभिन्न दलों के लोगों के साथ बात भी कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 2, 2023, 16:03 IST