यूरोप, एशिया, अफ्रीका और अमेरिका के पांच रूढ़िवादी कार्डिनल ने वेटिकन में एक बड़ी धर्मसभा से पहले पोप फ्रांसिस से समलैंगिकता और महिलाओं की भूमिका को लेकर कैथोलिक शिक्षा की पुष्टि करने का अनुरोध किया है।
वेटिकन में होने वाली धर्मसभा में ऐसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।
कार्डिनल ने सोमवार को पांच सवाल प्रकाशित किए, जिन्हें उन्होंने पोप फ्रांसिस को सौंपा है। उन्होंने कैथोलिक धर्म में आस्था रखने वालों के लिए के लिए एक खुला पत्र भी प्रकाशित किया है, जिसमें उन्होंने अपनी चिंताओं को रेखांकित किया।
कार्डिनल ने कहा कि वे कैथोलिक धर्म में आस्था रखने वाले लोगों को सूचित करना अपना कर्तव्य समझते हैं, ताकि वे ‘‘भ्रम, भूल और निराशा’’ का शिकार न हों।
यह पत्र और प्रश्न सबसे पहले, वेटिकन रिपोर्टर सैंड्रो मैजिस्टर और मेसा के ब्लॉग पर धर्मसभा से दो दिन पहले प्रकाशित हुए। यह धर्मसभा तीन सप्ताह तक चलेगी।
वेटिकन में 450 से अधिक बिशप और आमजन कैथोलिक चर्च के भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए बंद कमरे में बैठक करेंगे। इस दौरान, भविष्य के चर्च में महिलाओं की भूमिका एवं एलजीबीटीक्यू प्लस कैथोलिक जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे चर्चा के बिंदु होंगे।
धर्मसभा और व्यापक भागीदारी संबंधी धर्मसभा के प्रस्तावों ने प्रगतिवादियों को उत्साहित, लेकिन रूढ़िवादियों को चिंतित कर दिया है। रूढ़िवादियों ने चेतावनी दी है कि कोई भी बदलाव किए जाने से फूट पड़ने की आशंका है।
रूढ़िवादी कार्डिनल ने पोप से यह पुष्ट करने को कहा है कि गिरजाघर समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद नहीं दे सकता और पुरुष एवं महिला के बीच वैवाहिक संबंधों के अलावा किसी भी अन्य रिश्ते में यौन संबंध गंभीर पाप है।
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