परंपरागत खेती से हटकर शिवपुरी के किसान ने अपने खेत में उगाई स्ट्रॉबेरी, जानें कितना हुआ फायदा

सुनील रजक/शिवपुरी. स्ट्रॉबेरी की खेती आमतौर पर ठंडे प्रदेशों में होती है, लेकिन नई तकनीक के माध्यम से गर्म मैदानी इलाकों में भी इसकी खेती की जाने लगी है.शिवपुरी के किसान भीपरंपरागत खेती से हटकर नई खेती पर ध्यान दे रहे हैं. इसी क्रम में तानपुर गांव के रहने वाले एक किसान राजेश रावत ने अपने खेत में स्ट्रॉबेरी की खेती की है, उन्हें इसके अच्छे उत्पादन की उम्मीद है.

शिवपुरी में तानपुर गांव के किसान राजेश रावत ने अपने खेत में लगभग 7 लाख रुपए की लागत से नेट हाउस शेड का निर्माण किया है. किसान राजेश रावत ने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने कुछ किसानों के साथ झांसी उप्र का भ्रमण किया वहां पर कुछ किसानों को स्ट्रॉबेरी का उत्पादन करते हुए देखा. इसके बाद उन्होंने भी अपने मन में इस बात को ठाना कि वह भी शिवपुरी जैसे छोटे जिले में स्ट्रॉबेरी की खेती करेंगे.

किसान राजेश रावत ने अक्टूबरमाह में स्ट्रॉबेरी के 300 पौधे लगाए, जिनमें अब फल आना शुरू हो गए हैं. आने वाले एक महीने के बाद यहां पर स्ट्रॉबेरी का उत्पादन होने लगेगा. किसान राजेश रावत ने बताया कि अभी उन्होंने प्रायोगिक तौर पर स्ट्रॉबेरी की खेती की है यदि यह खेती सफल रहती है तो वह आने वाले समय में और बड़े स्तर पर इसके उत्पादन पर ध्यान देंगे.

योजना के तहत मिली है 50 फीसदी की सब्सिडी
स्ट्रॉबेरी की खेती के लिएउद्याानिकी विभाग ने किसान राजेश रावत को राज्य योजना के तहत50 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध कराई है.उद्यानिकी विभाग के ग्रामीण विस्तार अधिकारी जितेंद्र कुमार जाटव ने बताया किराजेश रावत ने परंपरागत खेती से हटकर के नया प्रयोग करने की हिम्मत जुटाई. इसके लिए उद्यानिकी विभाग भी उनकी पूरी मदद कर रहा है. शिवपुरी जिले के किसान परंपरागत खेती के तौर पर गेहूं, सरसो और चना ज्यादा करते हैं. इसके अलावा अब किसान टमाटर के उत्पादन भी जोर दे रहे हैं, लेकिन तानपुर के किसान राजेश रावत की यह नई पहल अन्य किसानों को भी प्रेरित करेगी.

Tags: Madhya pradesh news, Shivpuri News

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