पत्नी को ट्रांसजेंडर बताकर मांगा तलाक: कोर्ट ने पैनल से पत्नी का मेडिकल कराने का दिया आदेश, पुलिस ने बगैर मेडिकल रिपोर्ट लगा दी FR

कानपुरएक मिनट पहले

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कानपुर में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया। जहां एक युवक की 2 साल पहले यानी 27 अप्रैल 2021 को शादी हुई थी। सुहागरात के दिन से ही पत्नी उसे अपने पास नहीं आने देती थी। बाद में इलाज कराने पर उसे पता चला कि पत्नी ट्रांसजेंडर है। इसके बाद युवक ने फैमिली कोर्ट में एक याचिका डालकर विवाह को शून्य यानी अमान्य करने की मांग की है।

कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पत्नी का 5 डॉक्टरों के पैनल से जांच कराने का आदेश दिया है। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट मामले में फैसला करेगा। वहीं, दूसरी तरफ युवक ने अपने ससुरालियों के खिलाफ भी धोखाधड़ी का करके शादी करने का आरोप लगाते हुए काकादेव थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें विवेचक ने बगैर मेडिकल रिपोर्ट के ही मामले में एफआर लगा दी है।

अब मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट करेगी मामले का फैसला

शास्त्री नगर निवासी एक व्यक्ति ने फैमिली कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। उनका दावा है, उनकी पत्नी ट्रांसजेंडर है। शादी के बाद से ही पत्नी उन्हें अपने पास नहीं आने देती थी। उन्होंने डॉक्टरों को दिखाया तो सामने आया कि पत्नी के बॉडी के कई पार्ट डेवलप ही नहीं हुए हैं। इतना ही नहीं उसके गंजापन भी है। पत्नी को ट्रांसजेंडर होने का दावा करते हुए हिन्दू मैरिज एक्ट की धारा-12 के तहत विवाह शून्य यानी अमान्य करने की मांग की है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सीएमओ से महिला की पैनल से जांच कराने की मांग की है।

पहले बिंदु पर कोर्ट ने यह जानकारी मांगी है कि चिकित्सा पद्धति के अनुसार स्त्री के स्त्रीत्व के लिए किन-किन लक्षणों की शारीरिक संरचना में आवश्यकता होती है। क्या प्रस्तुत वाद की प्रतिवादिनी संबंधित में स्त्रीत्व के लिए शारीरिक संरचना में सभी लक्षण हैं…? यदि नहीं तो कौन-कौन से हैं और उसका क्या प्रभाव है। इसके साथ ही कोर्ट ने सीएमओ को आदेश दिया है कि 5 एक्सपर्ट डॉक्टर का पैनल बनाकर महिला की जांच कराई जाए। फैमिली कोर्ट की अपर प्रधान न्यायाधीश शगुन पंवार फैमिली कोर्ट-4 ने 25 अगस्त को यह आदेश दिया है।

कोर्ट के आदेश पर सीएमओ ने कांशीराम हॉस्पिटल की डॉ. रश्मि शर्मा, डॉ. नवनीत दुबे, डॉ. सोनल जैन, डीजीओ एएचएम चिकित्सालय डॉ. आशा देवी और उर्सला की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनीता सिंह की एक जांच कमेटी 5 सितंबर को गठित की है। जल्द ही मेडिकल कराने के बाद टीम अपनी रिपोर्ट कोर्ट को भेजेगी।

विवेचक ने बगैर मेडिकल लगा दी फाइनल रिपोर्ट

मामले में वादी ने शादी के दो महीने बाद ही पत्नी को ट्रांसजेंडर होने का आरोप लगाते हुए पत्नी, ससुरालियों और बिचौलिया समेत 8 लोगों के खिलाफ 18 जून 2021 को धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में FIR दर्ज कराई थी। मामले की जांच कर रहे दरोगा ने बगैर मेडिकल रिपोर्ट के फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। पीड़ित ने कोर्ट में एफआर को चैलेंज किया है। केस की जांच के दौरान बगैर मेडिकल रिपोर्ट आरोपी पक्ष को क्लीन चिट देने पर दरोगा भी जांच के घेरे में आ गए हैं।

क्या है हिन्दू मैरिज एक्ट की धारा-12

मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता प्रणव ने बताया, हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत, नपुंसकता धारा 12(1) (a) के तहत विवाह को शून्यकरणीय कर देती है। यदि विवाह के समय दोनों में से कोई एक पक्ष नपुंसक था तो नपुंसकता के आधार पर दावा किया जा सकता है। इस मामले में भी फैमिली कोर्ट में वाद दायर करते हुए विवाह को शून्य करने की मांग की गई है।

तीन डॉक्टरों की मेडिकल रिपोर्ट बनी आधार

पीड़ित पक्ष ने कानपुर के तीन चिकित्सक डॉ. नीना गुप्ता, डॉ. रेनू भाटिया और उफरिन अस्पताल की डॉ. पीयूषा पंकज की मेडिकल रिपोर्ट को आधार बनाते हुए केस दायर किया है। इसी को आधार मानकर कोर्ट ने सीएमओ पैनल गठित करके जांच करने का आदेश दिया है। वहीं, दूसरी तरफ विवेचक की भूमिका भी इसी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर संदिग्ध हो गई है। क्योंकि उसने पूरी जांच रिपोर्ट में कोई भी मेडिकल रिपोर्ट नहीं लगाई है।

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