उधव कृष्ण/पटना.बिहारऔर बिहारियों की चर्चा यूं ही चारों ओर नहीं होती है. बल्कि, इस मिट्टी में बहुत कुछ खास है, अनोखा है. कभी बुद्ध, चाणक्य और गुरु गोविंद सिंह की धरती रही बिहार में आज भी ऐसी आबो हवा है कि यहां रहने वाले बच्चे भी किसी के कम नहीं हैं.ऐसा माना जाता है कि निर्देशन के लिए अनुभव का होना बहुत जरूरी है. पर अभिषेक जैसे होनहार बच्चे इस भ्रम को भी तोड़ रहे हैं. जी हां, कला की सचमुच कोई उम्र नहीं होती’.. ग्रेजुएशन में पढ़ने वाले मात्र 16 वर्ष के अभिषेक राज की कला और निर्देशन में एक गजब की स्थिरता और बौद्धिकता का एहसास महसूस किया जा सकता है.
जानिए कौन हैं अभिषेक?
बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले अभिषेक बताते हैं कि बचपन से उनकी रूचि नाट्य विधा में थी. किलकारी में 2011 में प्रवेश लेने के बाद योग्य गुरुओं से उन्हें सही मार्गदर्शन मिला. इस कारण अभी तक वे कई नाटक में अभिनय, गायन और निर्देशन कर चुके हैं. इस बार भी 10 सितंबर को प्रेमचंद रंगशाला में उनके द्वारा लिखी गई नाटक ‘We Are Foolish’ का मंचन हो रहा है. इसी नाटक में अभिषेक के लिखे एक गीत ‘भारी बस्ता’ सुनने और देखने में अद्भुत लगता है. अभिषेक बताते हैं कि बच्चों की परेशानियों पर यह नाट्य आधारित है.
सामाजिक बुराइयों पर करते हैं चोट
अभिषेक राज बताते हैं कि वे हमेशा अपने कलम से सामाजिक बुराइयों पर चोट करना चाहते हैं. उनका यह नाटक भी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और किताब-कॉपी व फीस के आसमान छूते रेट पर सवाल खड़े करता है. साथ ही अभिषेक के निर्देशन में बच्चों के द्वारा गाया “भारी बस्ता” गीत बच्चों की तकलीफों को रेखांकित करता नजर आता है. अभिषेक की माने तो वे फिलहाल ऐसे मुद्दों पर और भी नाट्य प्रस्तुतियां लाने वाले हैं. अभिषेक कहते हैं कि अपने भावों को व्यक्त करने का सबसे अच्छा और सुलभ माध्यम कला ही है.
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FIRST PUBLISHED : September 01, 2023, 14:05 IST