पंजाब में पराली जलाने के 634 नए मामले, पुलिस ने एक हजार से अधिक प्राथमिकी दर्ज कीं

पंजाब में सोमवार को पराली जलाने के 634 मामले सामने आए। वहीं पुलिस द्वारा किसानों को पराली जलाने से रोकने के लगातार प्रयासों के बावजूद राज्य के कई इलाकों में ये सिलसिला लगातार जारी है।

पंजाब पुलिस ने बताया कि उसने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ आठ नवंबर से 1,084 प्राथमिकियां दर्ज की हैं और 7,990 मामलों में 1.87 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने बताया कि पराली जलाने को रोकने के पुलिस के लगातार प्रयासों के बावजूद 634 मामले सामने आएं। यह दीपावली के बाद से सबसे कम संख्या है।

पराली जलाने पर नजर रखने के लिए शुक्ला को पुलिस का नोडल अधिकारी नियुक्त गया है।
उन्होंने बताया, यह लगातार तीसरा दिन है जब राज्य में पराली जलाने के मामलों में कम से कम 28.8 प्रतिशत की महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई है।

शुक्ला ने बताया कि पंजाब में शनिवार और रविवार को पराली जलाने के क्रमश: 637 और 740 मामले दर्ज किए गए थो।
उन्होंने बताया कि सोमवार को पराली जलाने के 634 मामलों में से सबसे अधिक मामले फाजिल्का में दर्ज किए गए।

अधिकारी ने बताया कि फाजिल्का में पराली जलाने के 168, मोगा में 98, फिरोजपुर में 97, मुक्तसर में 62 और बठिंडा में 55 मामले दर्ज किए गए।
वहीं 2021 और 2022 में इस दिन राज्य में पराली जलाने के क्रमशः 283 और 368 मामले दर्ज किए गए थे।

पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, ताजा मामलों के साथ 15 सितंबर से 20 नवंबर तक पराली जलाने के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 35,093 हो गई है।
पराली जलाने के कुल मामलों में सबसे अधिक मामले संगरूर में दर्ज किए गए हैं। पराली जलाने के संगरूर में 5,546, फिरोजपुर में 3,264, बठिंडा में 2,863, मोगा में 2,515 और बरनाला में 2,226 मामले दर्ज किए गए हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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