सिर्फ 10 जिलों से देश में होने वाली साइबर ठगी की 80 फीसदी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. हैरानी की बात यह है साइबर ठगी के लिए बदनाम जामताड़ा और मेवात इस लिस्ट में टॉप पर नहीं है, बल्कि राजस्थान का भरतपुर जिला टॉप पर है. जहां से अकेले 18% ठगी की जा रही है. आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) से जुड़ी संस्था ‘द फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन’ (FCRF) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किये हैं.
ठगी में ये जिले हैं टॉप पर: FCRF ने ऐसे जिलों की सूची तैयार की है, जहां से अलग-अलग तरह की साइबर ठगी की जा रही है. 80 फीसदी घटनाएं महज 4 राज्यों के 10 जिलों से अंजाम दी जा रही हैं. राजस्थान का भरतपुर टॉप पर है. तो वहींस उत्तर प्रदेश का मथुरा दूसरे नंबर पर है, जहां से 12 फीसदी घटनाएं अंजाम दी जा रही हैं. इसी तरह, नूह (मेवात) से 11 फीसदी, देवघर से 10 फीसदी, जामताड़ा से 9.6 फीसदी, गुरुग्राम से 8.1 फीसदी, अलवर से 5.1 फीसदी, बोकारो व कर्माटंड से 2.4 फीसदी और गिरिडीह से 2.3 फीसदी ठगी की घटनाएं हो रही हैं.
हनीट्रैप का गढ़ बना राजस्थान: FCRF ने अपनी रिपोर्ट में बाकायदा यह भी बताया है कि किस राज्य और जिले से साइबर क्राइम की किस तरह की ठगी अंजाम दी जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान Sextortion का सबसे प्रमुख केंद्र है. इसी तरह Olx फ्रॉड और कस्टमर केयर के नाम पर यहां से धड़ल्ले से ठगी हो रही है. इसी तरह झारखंड ओटीपी से जुड़े स्कैम, केवाईसी फ्रॉड और केबीसी के नाम पर फ्रॉड का प्रमुख अड्डा है.

साइबर ठगी के मामले में ये टॉप 10 जिले हैं. सोर्स- FCRF
लोन ऐप के जरिये ठगी का गढ़ है दिल्ली: FCRF की रिपोर्ट में राजधानी दिल्ली को लेकर भी चौंकाने वाली बात है. इस रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली भी साइबर ठगी में पीछे नहीं है. यहां लोन ऐप के जरिये ठगी, शादी के नाम पर फ्रॉड, बिजली बिल और जॉब के नाम पर धड़ल्ले से ठगी हो रही है. इसी तरह बिहार ओटीपी फ्रॉड, डेबिट-क्रेडिट कार्ड स्कैम और फेक लिंक्स के जरिये साइबर ठगी का गढ़ है.
आंध्र का चित्तूर नया हॉटस्पॉट: FCRF ने अपनी रिपोर्ट में उन राज्यों का भी जिक्र किया है, जो साइबर ठगी के नए हॉटस्पॉट के तौर पर उभर रहे हैं. आंध्र प्रदेश का चित्तूर इस लिस्ट में टॉप पर है. वहीं असम दूसरे स्थान पर है. राज्य का गोलपाड़ा, धुबरी, बारपेटा, मोरीगांव और नागांव साइबरी ठगी के नए अड्डे के तौर पर उभर रहे हैं.

ये राज्य साइबर क्राइम के नए हॉटस्पॉट के तौर पर उभर रहे हैं.
3.5 साल स्टडी के बाद तैयार हुई रिपोर्ट: FCRF के सह-संस्थापक हर्षवर्धन सिंह कहते हैं कि जनवरी 2020 से जून 2023 तक, करीबन साढ़े तीन साल की स्टडी के बाद साइबर क्राइम से जुड़ा यह पेपर तैयार किया गया, जिसका शीर्षक ‘A Deep Dive in to Cyber Crime Trends Impacting India’ है. वह कहते हैं कि इस रिपोर्ट के जरिये साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने में तो मदद मिलेगी ही. सुरक्षा एजेंसियां भविष्य के लिए रणनीति भी बना सकेंगी.
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FIRST PUBLISHED : September 19, 2023, 16:28 IST