उन्होंने कहा, ‘‘निपाह को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई. स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय है कि दूसरी लहर की आशंका बहुत कम है लेकिन इसे पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है.”
विजयन ने कहा कि राज्य का स्वास्थ्य तंत्र घातक वायरस के प्रसार को प्रभावी ढंग से रोक सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘स्वास्थ्य तंत्र सावधानी से काम कर रहा है. वायरस का जल्दी पता चलने से खतरनाक स्थिति टल गई.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) भी इस बात का स्पष्ट जवाब नहीं दे सका कि कोझिकोड जिले से निपाह के मामले क्यों सामने आ रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 36 चमगादड़ों के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए, लेकिन कोई वायरस नहीं मिला और आने वाले दिनों में और नमूने एकत्र किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि पुलिस की मदद से पहले संक्रमित व्यक्ति का ‘रूट मैप’ लिया गया और इन जगहों से चमगादड़ों के नमूने एकत्र कर परीक्षण के लिए भेजे जाएंगे.
विजयन ने कहा कि कोझिकोड में यह बीमारी दोबारा क्यों हो रही है, इसका स्पष्ट जवाब आईसीएमआर के पास भी नहीं है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य ने विस्तृत अध्ययन कराने का निर्णय लिया है.
विजयन ने कहा कि परीक्षण कोझिकोड मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब और पास के थोन्नक्कल में ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड वायरोलॉजी लैब’ में किए जाते रहेंगे.
विजयन ने कहा कि वर्तमान में 994 लोग निगरानी में हैं. उन्होंने बताया कि 304 लोगों के नमूने एकत्र किए गए और इनमें से 267 लोगों के परीक्षण परिणाम प्राप्त हो गए हैं. उन्होंने कहा कि छह लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई और नौ लोग कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में निगरानी में हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने निपाह रोकथाम गतिविधियों के हिस्से के रूप में एक मनो-सामाजिक सहायता टीम भी बनाई है. इससे पहले 2018 और 2021 में कोझिकोड जिले से निपाह के मामले सामने आए थे.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)