रितेश कुमार/समस्तीपुर: खेती अब घाटे का सौदा नहीं रही, बस थोड़ी से समझदारी की जरूरत है. कुछ ऐसी ही समझदारी समस्तीपुर के किसान ने दिखाई और अब वह किसानी से मोटी कमाई कर रहा है. पहले यह किसान धान, गेहूं, मक्का एवं अन्य प्रकार की फसल पर ही आश्रित था, लेकिन अब बेहतर मुनाफा कमा रहा है. जिले के कल्याणपुर के रामपुर गांव के ये किसान एक बीघे में ओल (सूरन) की खेती कर रहे हैं.
क्षेत्र के अधिकांश किसान अब धान गेहूं, मक्का एवं अन्य प्रकार की फसल को छोड़कर अब इस तरह की खेती कर रहे हैं, जिससे बेहतर उत्पादन के साथ बेहतर मुनाफा हो रहा है. किसान ने बताया कि ओल की खेती से अच्छी इनकम होती है. जिस समय ओल का पौधा छोटा होता है, उस दौरान हम इस खेत में गेहूं, मक्का, तोरी, नेनुआ, कद्दू, खीरा एवं हल्दी व अन्य प्रकार की फसल को भी लगा सकते हैं.
देसी मटन के नाम से मशहूर
रामपुर के किसान विश्वनाथ प्रसाद ने बताया कि इससे ओल से तो इनकम होगी ही, साथ ही ओल के खेत में लगी अन्य फसल भी मुनाफा दे जाती है, इसलिए किसानों को अब इस तरह की खेती पर ध्यान देने की जरूरत है. बताया कि ओल को सूरन भी कहा जाता है. इसे देसी मटन के नाम से भी जाना जाता है. कई मामले में यह शरीर के लाभदायक भी होता है. इसकी तासीर गर्म होने के कारण ठंड के दिनों में इसकी काफी मांग होती है. उत्तर भारत में इसे दिवाली के दिन जरूर बनाया जाता है.
4 गुना तक होता है मुनाफा
बातचीत के दौरान किसान विश्वनाथ प्रसाद ने बताया कि खेत में करीब एक बीघे में ओल की फसल लगाए हैं. खर्च की बात करें तो करीब 50 हजार रुपये खेती करने में लागत आई है, जबकि मुनाफा करीब 2 लाख का होता है. बताया कि ओल की फसल किसान मन मुताबिक खेतों से निकाल सकते हैं, क्योंकि यह फसल खराब नहीं होती. इस फसल के साथ किस अन्य प्रकार की खेती भी की जा सकती है. इसलिए किसान को इस तरह का खेती करनी चाहिए, जिससे बेहतर उत्पादन के साथ-साथ मुनाफा हो.
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FIRST PUBLISHED : September 02, 2023, 14:57 IST