भारत ने 22 मई से तीन दिन तक श्रीनगर में पर्यटन पर जी20 कार्य समूह की तीसरी बैठक आयोजित की थी। चीन को छोड़कर जी20 देशों के सभी प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम के लिए सुरम्य घाटी का दौरा किया था। मार्च में जी20 कार्यक्रम के लिए बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा भी किया था।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत के लिए अपने हर हिस्से में जी20 बैठकें आयोजित करना स्वाभाविक है। उन्होंने यह बात कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में आयोजित कुछ कार्यक्रमों पर चीन की आपत्तियों को खारिज करते हुए कही।
वैश्विक मंच पर भारत की सांस्कृतिक और क्षेत्रीय विविधता को प्रदर्शित करने के अपने प्रयासों के तहत, मोदी सरकार ने देश भर में जी20 कार्यक्रमों की मेजबानी की है।
चीन, जो जी20 का सदस्य है, और पाकिस्तान, जो समूह का सदस्य नहीं है, ने कश्मीर में भारत द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाने के निर्णय पर आपत्ति जताई थी, जिसे वे विवादित कहते हैं।
चीन, अरुणाचल प्रदेश पर भी भारत की संप्रभुता पर आपत्ति व्यक्त करता है। भारत पहले ही चीन और पाकिस्तान के दावों को खारिज कर चुका है।
मोदी ने पिछले सप्ताह के अंत में पीटीआई-को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘ऐसा प्रश्न वैध होता यदि हमने उन स्थानों पर बैठकें आयोजित करने से परहेज किया होता। हमारा देश अत्यंत विशाल, सुंदर और विविधतापूर्ण है। जब जी20 बैठकें हो रही हैं, तो क्या यह स्वाभाविक नहीं है कि बैठकें हमारे देश के हर हिस्से में आयोजित होंगी।’’
भारत ने 22 मई से तीन दिन तक श्रीनगर में पर्यटन पर जी20 कार्य समूह की तीसरी बैठक आयोजित की थी।
चीन को छोड़कर जी20 देशों के सभी प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम के लिए सुरम्य घाटी का दौरा किया था।
मार्च में जी20 कार्यक्रम के लिए बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा भी किया था।
भारत ने तब चीनी दावों को खारिज करते हुए कहा था कि वह अपने क्षेत्र में बैठकें करने के लिए स्वतंत्र है।
मोदी ने कहा कि जब तक भारत की जी20 अध्यक्षता का कार्यकाल समाप्त होगा, तब तक सभी 28 राज्यों और आठ केंद्रशासित प्रदेशों के 60 शहरों में 220 से अधिक बैठकें हो चुकी होंगी। उन्होंने कहा कि लगभग 125 राष्ट्रीयताओं के एक लाख से अधिक प्रतिभागी भारतीयों के कौशल को देखेंगे।
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