लखेश्वर यादव/ जांजगीर चांपा. आज से पूरे देश में गणेश उत्सव को बड़े ही धूम धाम से मनाया जा रहा है. गणेश उत्सव का आज पहला दिन है, इस दिन गणेश भगवान की प्रतिमा को स्थापित किया जाता है, उसके बाद गणेश भगवान की पूजा भी जाती है. वहीं अन्य देवताओं की पूजा की जाती हैं.
हर वर्ष भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणेश चतुर्थी की शुरुआत होती है. इस साल 19 सितम्बर के दिन गणपति बप्पा अपने सभी भक्तों के घर पधारेंगे. आज से ये उत्सव पूरे 10 दिनों तक चलेगा.
गणपति स्थापना कैसे करें
पूजा के बारे बसंत महाराज ने बताया कि गणेश भगवान की प्रतिमा की पूर्व दिशा में कलश रखें. गणपति की प्रतिमा के दाएं-बाएं रिद्धि-सिद्धि को भी स्थापित करना चाहिए, साथ में एक-एक सुपारी रखें. अपने ऊपर जल छिड़कते हुए ऊँ पुण्डरीकाक्षाय नमः मंत्र का जाप करें.
1. भगवान गणेश को प्रणाम करें और माथे पर तिलक लगाएं. मूर्ति स्थापित करने के बाद गणेश जी को पंचामृत से स्नान कराएं. उन्हें वस्त्र, जनेऊ, चंदन, दूर्वा, अक्षत, धूप, दीप, शमी पत्ता, पीले पुष्प और फल चढ़ाएं. पूजन आरंभ करें तथा मनोकामना पूर्ति के लिए आशीर्वाद मांगे.
2. श्रीफल, ऋतुफल, सूखे मेवे, मोदक या अन्य मिठाई का नैवेद्य लगाकर भगवान को आचमन के लिए मूर्ति के पास ही बर्तन में 3 बार जल छोड़ें. पान के पत्ते पर लौंग-इलाइची रखकर भगवान को अर्पित करें और दक्षिणा चढ़ाएं. फिर आरती करें.
3. तुलसी चढ़ाना वर्जित- ध्यान रहे कि तुलसी के पत्ते (तुलसी पत्र) गणेश पूजा में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. तुलसी पत्र को छोड़कर बाकी सब पत्र-पुष्प गणेश जी को प्रिय हैं.
4.पूजन सामग्री-मूर्ति स्थापना के लिए लाल या पीला वस्त्र, लकड़ी का पटरा, गणेश जी के लिए वस्त्र, घी का दीपक, शमी पत्ता, गंगाजल, पंचामृत, सुपारी, पान पत्ते, जनेऊ, चंदन, अक्षत, धूप, फल, फूल, दूर्वा, लड्डू आदि पूजन सामग्री गणेश जी के स्थापना में लगते है.
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FIRST PUBLISHED : September 19, 2023, 12:11 IST