नई दिल्ली :
नौवां पी 20 सम्मलेन (P20 Parliamentary Speakers’ Summit) 13 से 14 अक्टूबर को दिल्ली के द्वारका में नवनिर्मित यशोभूमि, इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (IICC) में आयोजित किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 अक्टूबर को सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को संसद भवन परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में 9वें G20 संसदीय अध्यक्षों के सम्मेलन (पी-20) के आयोजन की जानकारी दी.
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ओम बिरला ने बताया कि पी-20 सम्मलेन में जी-20 देशों के अलावा 10 अन्य देश और अंतरराष्ट्रीय संगठन भाग लेंगे. अब तक 26 अध्यक्षों, 10 उपाध्यक्षों, एक समिति अध्यक्ष और IPU अध्यक्ष समेत 50 संसद सदस्यों और 14 महासचिवों ने इस सम्मेलन में भागीदारी करने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि पैन अफ्रीकी संसद के अध्यक्ष पहली बार भारत में पी-20 कार्यक्रम में भाग लेंगे.
बिरला ने कहा कि, ‘वसुधैव कुटुंबकम- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की भावना के साथ, भारत का लक्ष्य अधिक समावेशी, शांतिपूर्ण और न्यायसंगत विश्व की दिशा में जटिल वैश्विक मुद्दों का सर्वसम्मति पर आधारित समाधान प्रदान करना है.
ओम बिरला ने यह भी बताया कि पी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान चार उच्च स्तरीय सत्रों का आयोजन किया जाएगा. यह सत्र हैं- SDG के लिए एजेंडा 2030: उपलब्धियों का प्रदर्शन, प्रगति में तेजी लाना, सतत ऊर्जा परिवर्तन: हरित भविष्य के प्रवेश द्वार; लैंगिक समानता को मुख्यधारा में लाना: महिला सशक्तिकरण एवं महिलाओं के नेतृत्व में विकास और सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से लोगों के जीवन में परिवर्तन.
इन सत्रों में G-20 सदस्यों और अतिथि देशों को साथ लाकर “संसद किस प्रकार P-20 के उद्देश्यों को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ा सकती है” विषय पर व्यापक विचार-विमर्श होगा. बिरला ने बताया कि शिखर सम्मेलन का समापन संयुक्त वक्तव्य के साथ होगा, जिसमें जी-20 सरकारों से समानता, समावेशिता और शांति के आधार पर प्रमुख वैश्विक चुनौतियों का समाधान देने का आग्रह किया जाएगा.
लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी बताया कि 12 अक्टूबर को LiFE (सतत विकास के लिए जीवन शैली) शिखर सम्मेलन से पहले LiFE (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) पर एक संसदीय फोरम आयोजित किया जाएगा. LiFE का शुभारंभ 20 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा केवडिया, गुजरात में किया गया था. यह पहल पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवनशैली और ‘reduce, reuse, recycle’ के सिद्धांत के आधार पर सतत विकास की दिशा में प्रभावी रूप से कार्य कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि भारत की प्राचीन और सहभागी लोकतांत्रिक परंपराओं को उजागर करने हेतु ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी.