दमदार समोसा; 25 साल से इसके आगे नहीं टिका कोई, कड़ाही से बाहर आते ही बिक्री

अनंत कुमार/गुमला. समोसा कहीं का भी देखते ही मुंह में पानी आ जाता है. लेकिन, गुमला के इस समोसे की बात कुछ और है. ठेले पर बिकने वाला यह समोसा 25 साल से अपने स्वाद की वजह से टस से मस नहीं हुआ. इधर समोसा कड़ाही से निकलता है और उधर तेजी से बिक जाता है. हर वर्ग के लोग यहां समोसा खाने के लिए टूट पड़ते हैं.

साथ में मिलने वाली चटनी व चना की सब्जी भी टेस्टी है, जो समोसे के स्वाद को बढ़ा देती है. यह ठेला जिला मुख्यालय के जशपुर रोड राजकीय मध्य विद्यालय गुमला मुख्यालय/ टंगरा स्कूल के पास लगता है, जो अमीषा केशरी कैंटीन नाम से संचालित है. इस ठेले में ग्राहकों की काफी भीड़ लगी रहती है.

5 रुपए पीस समोसा
संचालक विजय प्रसाद केशरी ने बताया कि 25 साल से ठेला चला रहे हैं. पूर्व में गर्ल्स हाई स्कूल रोड पर ठेला लगाते थे. अतिक्रमण के कारण लगभग 6 माह से टंगरा स्कूल के पास लगा रहे हैं. पूर्व में 10 रुपए में 3 पीस समोसा देते थे. महंगाई बढ़ने के कारण 5 रुपये पीस समोसा देते हैं. हमारे यहां समोसा तैयार करने का तरीका अलग है. मैदा में डालडा, नमक, मंगरैला आदि मिलाकर पहले गूंथते हैं. फिर आलू का मसाला जीरा, गोलकी, धनिया, गरम मसाला, बादाम, धनिया पत्ता से तैयार करते हैं और पचफोरन का छौंक मारते हैं.

चटनी में डालते हैं इतने आइटम
आगे बताया कि समोसे के साथ चना दाल, धनिया पत्ता, लहसुन, मिर्च, अदरक इत्यादि से तैयार स्पेशल चटनी भी परोसते हैं. वहीं बीच में मूली व बादाम की चटनी भी परोसते हैं. इसके अलावा हमारे यहां जलेबी, धुस्का, बर्रा, कचरी भी 5 रुपए की दर से उपलब्ध है. वहीं, दुकान पर समोसा खाने आए ग्राहक ममता कुमारी ने बताया कि उन्हें यहां का समोसा बेहद पसंद है. वह नियमित रूप से यहां नाश्ता के लिए आती हैं. घर के लिए पैक भी कराकर ले जाती हैं.

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