शुभम मरमट /उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन मे केंद्रीय जेल भैरवगढ़ मेंकैदियों के लिए सामूहिक श्राद्ध तर्पण व पिंडदान का कार्यक्रम हुआ. जिसमें बड़ी संख्या में जेल में महिला और पुरुष कैदियों ने तर्पण पूजन अर्चन किया. पं. श्यामगुरु पंचोली ने बताया कि बंदियों को उनके दिवंगत परिजनों के लिए सामूहिक तर्पण व पिंडदान कराया गया. जेल अधीक्षक की पहल पर जेल के सांस्कृतिक भवन में 65 पुरुष व 23 महिला बंदियों ने अपने पूर्वजों की आत्मशांति व मोक्ष के लिए विधि-विधान से श्राद्ध तर्पण व पिंडदान किया. इस दौरान जेल अधीक्षक व कर्मचारी मौजूद थे.
उज्जैन महालय श्राद्ध के अंतर्गत शुक्रवार को अष्टमी तिथि में जिन परिवारों में पूर्वजों की मृत्यु हुई है, उनके लिए श्राद्ध का दिन है. पं. राजेश त्रिवेदी ने बताया कि द्वादशी सोने, चांदी के व्यवसाय में लाभ, त्रयोदशी समाज में श्रेष्ठता, गुरुवार विद्या प्राप्ति के लिए एवं मघा नक्षत्र सौभाग्य की प्राप्ति का सूचक है.इस दिन श्राद्ध करने से इन सब की प्राप्ति सुलभ होती है.
दूध चढ़ाने से होते हैं प्रसन्न
पंडित श्याम गुरु ने बताया कि पिंड व तर्पण इसलिए करा जाता है कि मरने वाले की आत्मा को शांति व मोक्ष मिले. जैसे आज से अष्टमी का बहुत महत्व रहता है, जो पिंड दान करता है उसके परिवार के जिन लोग की मृत्यु हो गयी है उनकी आत्मा को शांति व मोक्ष मिले. पिंड दान करने मे यह वस्तु अत्यधिक उपयोगी मानी गयी है. दूध, जल, श्रेवत, अर्पण करने से हमारे पितृ प्रसन्न होते हैं, घर परिवार, धन, दौलत, मे उन्नति की प्रप्ति होती है.और सारी परेशानी व दुख दूर होते है. इसलिए श्राद्ध पक्ष मे तर्पण किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : October 7, 2023, 10:00 IST