सौरभ तिवारी/भिलाई-दुर्ग. भिलाई टाउनशिप में सेक्टर 5 स्थित जेपी प्लांट के अंदर आदमखोर जानवर कब्र बिज्जू का रेस्क्यू किया गया है. छत्तीसगढ़ में यह वन्य प्राणी काफी कम पाया जाता है. कब्र बिज्जू का रेस्क्यू करने के बाद इसे बीएसपी के मैत्रीबाग जू में छोड़ा गया.
यह प्राणी देश में सभी जगह पाया जाता है. खासकर नदियों, तालाबों के तटों में 25-30 फीट लंबी मांद (गुफा नूमा घर) बनाकर रहता है. इसके शरीर का ऊपरी भाग भूरा, बगल और पेट काला तथा माथे पर चौड़ी सफेद धारी होती है. हर पैर पर पांच नाखून होते हैं जो मांद खोदने के काम आते हैं. यह अगले पैर से मांद खोदता है और पिछले पैरों से मिट्टी हटाता है. यह अपने नाखूनों से कब्र खोदकर मुर्दा खा लेता है. यह सर्वभक्षी है जो फल मूल से लेकर कीट पतंग तक खा लेता है. इसे हनी बेडगर भी कहते हैं.
जेपी प्लांट में मिला था कब्र बिज्जू
स्नेक कैचर राजा ने बताया कि उसके पास दोपहर 12 बजे फोन आया. फोन करने वाले ने बताया कि जेपी प्लांट के अंदर एक अजीब सा जानवर है. वो बिल्ली की तरह दिखता है, लेकिन उसकी पूछ काफी बड़ी है. स्नेक कैचर राजा समझ गया कि वो वन्यप्राणी कब्र बिज्जू है. उसने लोगों को उससे दूर रहने के लिए कहा और अपनी टीम के साथ तुरंत वहां पहुंचा.इसके बाद पूरी सुरक्षा और सावधानी के साथ उसकी पूंछ पकड़कर उसे पकड़ा गया.इसके बाद उसे एक बोटी में डालकर मैत्री बाग ले जाया गया.
आलसी जानवर माना जाता है कब्र बिज्जू
स्नेक कैचर राजा ने बताया कि कब्र बिज्जू एक आदमखोर जानवर है और आलसी होता है. यह कब्र को खोदकर उसके अंदर घुस जाता है और फिर मुर्दों को खाता है. आलसी होने के चलते यह काफी धीमे गति से चलता है. बिल्ली के आकार के दिखने वाले कब्र बिज्जू का एशियन नाम सिविट है. कब्र बिज्जू सर्वाहारी होता है. इसका मुख्य भोजन फल कंद मूल के साथ- साथ छोटे कीट पतंगे भी होते हैं.आपको बता दें कब्र बिज्जू एक आदमखोर जानवर है और यह इंसानों के शवों को कब्र के अंदर घुस कर खत्म कर देता है. यह अपने पुष्ट नखों से कब्र खोदकर मुर्दा खा लेता है. बिज्जू आलसी होता है और मंद गति से चलता है. यह सर्वभक्षी है.
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FIRST PUBLISHED : August 17, 2023, 19:33 IST